सुनाम-युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी के सहयोगी मुनि नमि कुमार जी ने 34 दिन की तीव्र तपस्या कर के अपने दृढ़ मनोबल आत्मबल संकल्पबल का परिचय दिया है वह प्रसंसनीय ही नहीं अनुकरणीय है इस अवसर पर मुनि श्री कमल कुमार जी स्वामी ने अपने हृदयोदगार प्रकट करते हुए फरमाया कि यह सब नजारा जो आप देख रहे हैं यह सब गुरुदेव की कृपया का फल है उनके आशीर्वाद के बिना इस अवस्था में इस प्रकार प्रतिवर्ष लंबी तपस्या और प्रतिदिन के लंबे विहार असंभव है मैं गुरुदेव के प्रति किन शब्दों में आभार प्रकट करूं वैसे शब्दों का मेरे पास अभाव है। मैं तो आज यही निवेदन करता हूं कि आपकी सतत ऐसी कृपा बरसती रहे जिससे नमि मुनि अपने तीव्र मनोबल आत्मबल के साथ तप के मार्ग पर सदा सदा गतिमान बने रहे। इस अवसर पर शासन श्री सहोदरी साध्वी श्री सोमलता जी के प्रति एवं भाभी साध्वी श्री विनम्र यशा जी के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं जिनके उन्नत नवीन सरस गीत और ओजस्वी विचारों से मुनि नमि कुमार जी को अच्छा पोषण मिला है।
गुरुदेव के पावन संदेश को सभा के अध्यक्ष रामस्वरूपजी जैन ने साध्वी विनम्र यशा जी के विचारों को पंजाब प्रांतीय सभा के अध्यक्ष केवल कृष्ण जी गोयल ने पढ़कर सुनाएं।
मुनि अमन कुमार जी ने पंजाबी भाषा में स्वरचित गीत का संगान कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुनि नमि कुमार जी ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में गुरुदेव के प्रति आभार प्रकट करते हुए मुनि श्री कमल कुमार जी मुनि अमन कुमार जी के सेवा सहयोग की प्रशंसा करते हुए अपने पारिवारिक लोगों के साथ सुनाम के भाई बहनों के सहयोग की प्रशंसा की। काफी भाई बहनों ने उपवास एकासन एवं 2-2 सामायिक कर के तपस्या की अनुमोदना की।