सूरत।अचलगच्छीय गुरु गुण कृपा पात्र मारवाड़ रत्न जिनवाणी के जादूगर प. पू. गणिवर्य श्री कमल प्रभ सागर सूरीश्वरजी मसा.आदि ठाणा शीतलवाड़ी उपाश्रय परवत पाटिया में सुखसाता पूर्वक चातुर्मासिक प्रवास पर विराजित हैं
उनकी निश्रा में 23वे तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक दिवस पर शीतलवाड़ी उपाश्रय में भगवान पार्श्वनाथ प्रभु की आराधना की गई।भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष सम्मेद शिखर तीर्थ में हुआ था।उस सम्मेद शिखर तीर्थ की भव्य प्रतिकृति उपाश्रय में बनाई गई। सम्मेद शिखर तीर्थ की प्रतिकृति के समक्ष पार्श्वनाथ भगवान को याद करते बीस खमासने के साथ सकल संघ ने हर्षोल्लास व जय कारो के साथ स्मरण करते हुवे वंदन किया।मातुश्री चंद्रा देवी रामलाल बोहरा परिवार ने संघपति का लाभ प्राप्त कर गाजे बाजे व शंखनाद के साथ नाचते गाते तीर्थ प्रतिकृति का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर निश्रा दाता गणिवर्य श्री कमलप्रभ सागरजी ने शत्रु व मित्र के प्रति हृदय में सम्मान भावना रखने की प्रेरणा देते हुवे कहा कि प्रेम से ही शत्रु को वश में की किया जा सकता है।शत्रु की शत्रुता खत्म की जा सकती है। अचलगच्छ जैन श्री संघ के अध्यक्ष रतनलाल वडेरा ने कहा कि चातुर्मास में भव्यतम कार्यक्रमों के साथ चातुर्मास बड़े हर्षोल्लास से गतिमान है।सचिव गौतम बोहरा ने श्री संघ में चल रही शांति धारा तप की जानकारी दी तथा तपस्वियों की अनुमोदना करते हुवे तपस्वियों की सु खसाता पूछी।अचलगच्छ प्रवर्तक आर्य रक्षित सुरीश्वरजी मसा.की जन्म तिथि के अवसर पर निबंध व भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।रविवार को *माता पिता तुमसे बढ़कर कौन*विषय पर जिनवाणी के जादूगर पूज्य गुरुदेव कमल प्रभ सागरजी का विशेष प्रवचन रहेगा।प्रवचन के बाद नेमजी की जान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।
भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक कार्यक्रम में जगदीश बोहरा,अशोक वडेरा,मुकेश बोहरा, भरत सिंघवी,भूरचंद बोहरा,पवन सिंघवी,मूलचंद वडेरा ,मूलचंद सिंघवी,नरेश बोहरा,आदि श्रावक श्राविकाए उपस्थित रहे।