सूरत। शहर के पूणागाम इलाके में टीपी (टाउन प्लानिंग) योजना की सीमाओं में विसंगति के बावजूद, महानगरपालिका द्वारा किरण पार्क सोसायटी के घरों को लाइनदोरी में शामिल करने के प्रयास पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। प्रभावित मकान मालिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सूरत महानगरपालिका और राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता के वकील ज़मीर शेख के अनुसार, उनके मुवक्किल सवजी नानजी वाघाणी को सूरत महानगरपालिका के वराछा जोन द्वारा एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें बताया गया कि उनका घर 18 मीटर चौड़े टीपी रोड में बाधा बन रहा है, इसलिए इसे तोड़ा जाएगा और सात दिनों के भीतर खाली करना होगा। इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई थी।
सुनवाई के दौरान, वकील ज़मीर शेख ने तर्क दिया कि टीपी योजना नंबर 11 (पूणा) और टीपी योजना नंबर 20 (पूणा) आपस में जुड़ी हुई हैं। राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में टीपी योजना नंबर 11 को अंतिम रूप दिया था, जिसमें 18 मीटर चौड़े टीपी रोड का उल्लेख किया गया था, लेकिन आठ वर्षों के बाद भी यह रोड खुला नहीं है।
इसके अलावा, उन्होंने 17 मई 2021 को वराछा ज़ोन के कार्यकारी इंजीनियर द्वारा शहर विकास अधिकारी को भेजे गए पत्र का हवाला दिया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि टीपी योजना नंबर 11 और 20 की सीमाओं में विसंगतियां हैं। वकील ने तर्क दिया कि जब खुद नगर निगम के अधिकारी सीमा रेखा को लेकर भ्रमित हैं, तो आगे कोई कार्रवाई कैसे की जा सकती है?
इन तर्कों को ध्यान में रखते हुए, हाईकोर्ट ने पूरे मामले में सूरत महानगरपालिका और शहरी विकास विभाग को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब दाखिल करने को कहा है।