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मुनिसुव्रत स्वामी के दर्शन से ही जीवन का कल्याण होगा-जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी

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मुनिसुव्रत स्वामी मन्दिर की प्रतिष्ठा के बाद द्वारद्घाटन के साथ पंचान्हिका महोत्सव का हुआ समापन

गच्छाधिपति का हुआ बाछड़ाउ की ओर विहार

बाड़मेर। प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के तत्वावधान में केयुप भवन प्रांगण में श्री जिन मन्दिर व दादावाड़ी के अंजनशलाका प्राण प्रतिष्ठा व दीक्षा के पंचान्हिका महोत्सव के समापन के दिन सोमवार को खरतरगच्छाधिपति आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. आदि ठाणा की पावन निश्रा व बहिन म.सा. साध्वी डॉ. विधुत्प्रभाश्री म.सा. और साध्वी कल्पलताश्री म.सा., साध्वी श्रुतदर्शनाश्री म.सा., साध्वी मयुरप्रभाश्री म.सा. आदि ठाणा के पावन सानिध्य में जिन मन्दिर का द्वारोघाटन किया गया और नूतन दीक्षीत साधु-साधु प्रथम बार गोचरी के लिए पहुंचे, जो दृश्य अदभुत था। प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के संयोजक जगदीशचन्द भंसाली व मुख्य लाभार्थी बाबुलाल छाजेड़ ने बताया कि स्थानीय मोक्ष मार्ग पर स्थित बाबुलाल नेमीचन्द जीवणमल छाजेड़ परिवार मुम्बई द्वारा नवनिर्मित श्री मुनिसुव्रत स्वामी मन्दिर व दादावाड़ी की प्रतिष्ठा के बाद प्रथम बार द्वारोद्घाटन सोमवार को प्रातः 06.00 बजे शुभ ब्रहम मुर्हुत में श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में मंत्रोचार के साथ किया गया। उसके पश्चात मुनिसुव्रत स्वामी भगवान के दर्शन-वन्दन कर पक्षाल कर केशर पूजा व आरती की गई। इसके बाद सतरभेदी पूजा व दादा गुरूदेव की बड़ी पूजा का आयोजन किया गया। मोक्ष मार्ग स्थित केयुप भवन परिसर में श्री जिन मन्दिर में सोमवार को प्रभु दर्शन, आंगी, रोशनी, प्रसादी व् आरती के बाद प्रातः नवकारसी के साथ महोत्सव का भव्यता के साथ समापन हुआ। प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति के सहसंयोजक सम्पतराज धारीवाल ने बताया कि महोत्सव के अन्तिम दिन आयोजित धर्मसभा में गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ने अपने मांगलिक प्रवचन में उपस्थित श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक एवं सफल आयोजन के लिए सभी को बधाईयां दी। गच्छाधिपति श्री ने कहा कि श्री मुनिसुव्रत स्वामी प्रभु व दादा गुरूदेव की असीम कृपा से पुरे सकल जैन समाज का कल्याण और उद्वार होगा। मुनिसुव्रत स्वामी भगवान के रोज दर्शन से ही जीवन का कल्याण होगा।

द्वारोघाटन के लिए लाभार्थी परिवार का निकला वरघोड़ा-केयुप अध्यक्ष प्रकाश पारख ने बताया कि महोत्सव के छठे दिन सेामवार को प्रातः 06.00 बजे शुभ ब्रहम मुहूर्त में द्वारोघाटन के लाभार्थी जीवणमल, नेमीचन्द, बाबुलाल भरतकुमार छाजेड़ परिवार बाड़मेर-मुम्बई वालो द्वारा द्वारोद्घाटन के लाभार्थी परिवार व सकल संघ के साथ गाजे-बाजे एवं बैंड-बाजे, ढोल ढमाके के साथ भव्य जुलुस निकाला गया। वरघोड़े में खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वर जी म.सा. व साधु-साध्वी भगवंत सहित जैन समाज एवं महोत्सव समिति के सदस्यों ने शिरकत की।
श्री प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव समिति व केयुप ने जताया आभार-प्रतिष्ठा दीक्षा समिति के सहसंयोजक मदनलाल मालू कानासर ने बताया कि प्रतिष्ठा दीक्षा महोत्सव के अन्तिम दिन सोमवार को राजगृही नगरी में आयेाजित धर्मसभा में महोत्सव समिति के संयोजक जगदीशचन्द भंसाली, केयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश लूणिया, लाभार्थी बाबुलाल छाजेड़ ने महोत्सव में वित का सहयोग करने वाले लाभार्थी परिवारों, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग, योगदान देने वाले सभी सज्जनों, संस्थाओं, समितियों, मौहलेवासियों, सकल जैन समाज एवं विभागों का धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया और उनके द्वारा दिये गये सहयोग की भूरि-भूरि अनुमोदना की। धर्मसभा में समितियों के संयोजक व सदस्यों का तिलक, माला, साफा पहनाकर, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर बहुमान किया।
 
गच्छाधिपति का हुआ बाछड़ाउ की ओर विहार
- प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के केवलचन्द छाजेड़ ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति आचार्य मणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा का 16 फरवरी को श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय की प्रतिष्ठा व दीक्षा सम्पन्न होने बाद 17 फरवरी को द्वारोदघाटन के बाद शाम 05.00 बजे गुरूदेव का विहार बाछड़ाउ की ओर हुआ, जहां 23 फरवरी को होने वाली अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में निश्रा प्रदान करेंगे।

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