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सूरत-गुरू जन्मोत्सव-महामांगलिक और दीक्षा मुर्हूत प्रदान का सूरत में ऐतिहासिक त्रिवेणी संगम कार्यक्रम सम्पन्न

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सूरत।धर्मनगरी सिल्क-डायमंड नगरी सूरत के पाल क्षेत्र में श्री नाकोडा भैरव तपागच्छ जैन संघ सूरत द्वारा आयोजित चातुर्मास में श्री लक्ष्मी दर्शन तपागच्छ भवन प्रांगण में दिनांक 29 जुलाई 2022 को ऐतिहासिक,अविस्मरणीय, अकल्पनीय,अद्भूत त्रिवेणी कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
राष्ट्रसंत प.पू.आचार्य श्री चन्द्राननसागरसूरिश्वरजी म.सा. के 62 वें जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया गया। भक्तो में गजब का हर्षोल्लास छलक रहा था। अपार भक्तो की उपस्थिति में रंगमंडप छोटा पड़ गया।भक्तों ने सड़क पर खड़े खड़े  अपने गुरूदेव के जन्मोत्सव,महामांगलिक और दीक्षार्थी रोमांशी राजेश  देसाई के दीक्षा मुर्हूत के कार्यक्रम को अंत तक निहारा।पूज्य गुरूदेव श्री को पालकी मे बिठाकर भक्तो ने नाचते-गाते-झूमते हुए रंगमंडप मे भव्य प्रवेश करवाया,भक्तो ने जय गुरूदेव, जय गुरूदेव से रंगमंडप को गुरू भक्ति से ऐसा गुंजाया कि गुरू तत्व के अलावा कुछ भी नजर नही आया। तत्पश्चात संयम डांसिंग ग्रुप की छोटी छोटी बालिकाओ ने गीत पर नृत्य कर गुरूदेव श्री का स्वागत किया।
पूज्य गुरूदेव श्री ने इस मंगलवेला मे अपने माता-पिता, दादा गुरूदेव दर्शन सागर सूरीजी और गुरूदेव नित्योदयसागर सूरीजी के उपकारो को फरमाया। समाज को प्रेरणा दी।शासन की रक्षा के लिए अपने पुत्र-पुत्री को अवश्य सौपना ताकि वो विद्वान साधु या विदुषी,महतरा साध्वी बनकर शासन प्रभावना करके गौरवशाली इतिहास बना पाए।
दीक्षार्थी रोमांशी राजेश देसाई को पूरे परिवार और रिश्तेदार ने धूम धडाके से दीक्षार्थी अमर रहे, दीक्षार्थी का जय जयकार जैसे उदघोषों से रंगमंडप मे प्रवेश करवाया, पूज्य गुरूदेव ने 13 मार्च 2023 का दीक्षा का शुभ मुर्हूत प्रदान किया। मूमुक्षु ने गुरूदेव एवं अपनी गुरूमां विदुषी साध्वी श्री कल्पिता श्री जी म.सा.,साध्वी श्री चारूता श्री जी म.सा. के उपकारो को बयां कर कृतज्ञता व्यक्त की।
विश्व स्तर पर सेवा, सर्मपण और समाज उत्कर्ष के उत्तम कार्यो को करने के लिए पूज्य गुरूदेव श्री ने जन्मोत्सव पर नाकोडा दर्शन परिवार की विधिवत स्थापना की एवं उसकी सदस्यता आवेदन पत्र का विमोचन नाकोडा धाम के ट्रस्टीगण एवं संस्थापक सदस्यों द्वारा किया गया। 
दो-दो उपधान तप की आराधना की जय बोलाई गई जिसमे पहला उपधान चालू चातुर्मास मे ही दशहरे से सूरत मे ही होगा जिसका सम्पूर्ण लाभ संघवी श्रीमती सुआदेवी केशरीमलजी वनेचंदजी हरणेशा परिवार, सिणधरी-सूरत ने लिया। दूसरा उपधान तप यतीन्द्र धर्मशाला पालीताणा की धन्य धरा पर 25 दिसम्बर 2022 से शुरू होगा जिसका आदेश गुरू दर्शन भक्त उपधान समिति को दिया।*
पालीताणा मे नव्वाणु की आराधना करवाने का आदेश दिया गया जिसका सम्पूर्ण लाभ राजस्थान में रानी गांव निवासी  सायरबेन सागरमल सरदारमल श्रीश्रीमाल परिवार,बोरिवली-मुम्बई ने लिया।
श्री अयोध्यापुरम से शंत्रुजय महातीर्थ छःरि पालित संघ का आदेश दिया गया। जिसका सम्पूर्ण लाभ मातुश्री नंदाबाई हंजारीमलजी पुनमचंदजी, श्रीमती मोहिनीबेन बंशीलालजी साकरिया परिवार,मरूधर मे चांदराई हाल निवासी भांडुप मुम्बई ने लिया।
पूज्य गुरूदेव श्री को श्री नाकोडा पार्श्वनाथ की मोहनीय मूर्ति वोहराने का लाभ श्रीमती लीलादेवी मिश्रीमलजी देसाई परिवार, सिणधरी-सूरत ने लिया।
दादा गुरूदेव दर्शन सागरजी म.सा. की 29 वीं पुण्यतिथी पर आयोजित आगामी बडी महामांगलिक का सम्पूर्ण लाभ मातुश्री सुबटीदेवी मुकनचंद किशनलाल देसाई परिवार, सिणधरी-सूरत ने लिया।
इस ऐतिहासिक त्रिवेणी संगम कार्यक्रम का सम्पूर्ण लाभ श्रीमती लाभुदेवी रामलाल हरणेशा परिवार सिणधरी-सूरत ने लिया।पूज्य गुरूदेव को लड्डु वोहराने का लाभ एवं स्वद्रव्य से सीमंधर ऐवेन्यू पाल मे जिन मंदिर बनाने का आदेश भी लिया।
62 वें जन्मोत्सव निमित 62 किलो का लडडु बनाया गया। 62 लक्की ड्रा निकाले गए जिसमे सोने की चैन,अंगूठी, चांदी के सिक्के एवं अन्य आराधना उपयोगी उपकरण लक्की विजेता को दिए गए।
इस त्रिवेणी संगम में सूरत पुलिस कमिश्नर अजय कुमार  तौमर,गुजरात गार्डियन मंत्री मनोज मिस्त्री, मुख्य सरकारी वकील नयन सुखडवाला, सूरत के पूर्व मेयर नीरव शाह,नाकोडा धाम के ट्रस्टीगण इसके अलावा अनेक संघो के अध्यक्ष, पदाधिकारीगण,राजस्थान, महाराष्ट्र, बैंगलोर, चैन्नई गुरू भक्तो ने पधारकर शासन शोभा बढाई।श्री नाकोडा भैरव तपागच्छ जैन संघ सूरत के अध्यक्ष घेवरचंद हरणेशा ने सम्पूर्ण कार्यक्रम की विधिवत रूपरेखा रखी एवं पूज्य गुरूदेव श्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि गुरूदेव आपने सूरत पधारकर हमारी पूरी मालाणी पट्टी को चातुर्मास प्रदान कर बहुत बडा उपकार किया है उसके लिए संघ आपका सदैव ऋणी रहेगा।
अन्तर्राष्ट्रीय संगीतकार एवं परम गुरू भक्त नरेन्द्र  वाणीगौता (निराला), संगीतकार महावीर  देसाई ने संगीत के माध्यम से गुरू भक्ति करवाई।

    

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