बाड़मेर। बाड़मेर के इतिहास में अनोखा आयोजन हो रहा है। स्क्रोल की दुनिया में युवा संयम पथ पर चलकर आपने आत्मकल्याण के मार्ग पर चल रहे है। आगामी 16 फरवरी को 5 मुमुक्षु दिक्षीत होंगे एवं परमात्मा मुनिसुव्रत स्वामी एवं दादा गुरूदेव विराजमान होंगे। यह बात खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिनमणिप्रभसूरीश्वर म.सा. ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि 05 दिवसीय इस आयोजन में परमात्मा के पंच कल्याणक एवं 05 मुमुक्षुओं के संयम पथ से पूर्व होने वाले विधान विधि पूर्वक किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि रविवार को प्रातः शुभमुर्हत में मोक्षमार्ग स्थिति नव निर्मित मन्दिर में पहले तीर्थकर परमात्मा के पाषण प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी उसके पश्चात कुशल वाटिका में पांच मुमुक्षु अक्षय मालू,भावना संखलेचा,आरती बोथरा,निशा बोथरा,साक्षी सिंघवी संयम पथ अंगीकार कर नव जीवन की शुरूवात करेंगे। पत्रकारों के संस्कार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि संस्कार की शुरूवात घर होती है। माता-पिता जैसा करेंगे वैसा ही उनका बच्चा करेंगा। माता-पिता को चाहिए की वो घर में मोबाइल से दुर वातावरण का निर्माण करें। उन्होंने बताया कि धर्म पर चर्चा करें,पुस्तकांे से जोड़े,अच्छी बातों का आदान प्रदान हो,आड़म्बर से दुर होकर अपनी संतान को संस्कार दे तभी हम एक स्वस्थ समाज को निर्माण कर पाएगें। आपके सामने उदाहरण पांच परिवारों के संस्कार है कि ये युवा अब संयम की राह पर स्वयं के आत्मकल्याण एवं समाज के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर रहे है। उन्होंने कहा कि मोबाइल का सकारत्मक उपयोग करेें अच्छे को अपनाए एवं बुराई से दुर रहे है। आपके विकास की वस्तु का स्वयं विनाश की वस्तु ना बनाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आवश्यकता है कि शिक्षा पद्ति में भी बदलाव हो कम से कम एक पिरियड ऐसा हो जिसमें हमारें संस्कार और संस्कृति की जानकारी बच्चों की दी जाए।