पालघर में व्रत चेतना दिवस मनाया गया
पालघर।आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्या साध्वी श्री पीयूष प्रभा जी के सान्निध्य में पर्युषण पर्व का पांचवा दिन व्रत चेतना दिवस के रूप में तेरापंथ भवन में मनाया गया। अणुव्रत समिति पालघर द्वारा मंगलाचरण किया।
इस अवसर पर साध्वी श्री पीयूष प्रभा जी ने कहा आज संपूर्ण विश्व विनाश के कंगार पर खड़ा है। अणु शस्त्रों की बढ़ती हुई होड ने आंतरिम युद्ध की संभावनाओं को जन्म दिया है। इस विस्फोटक स्थिति में मानव जाति को उबारने वाला एकमात्र तत्व है अध्यात्म। धर्म आध्यात्मिक चेतना जगाने की प्रक्रिया है। धर्म का मूर्त रूप व्रत है। व्रत संकल्प चेतना से पुष्ट होता है। व्रत से इच्छा शक्ति का विकास होता है। व्रत सुरक्षा कवच है।
साध्वी श्री भावना श्री जी ने व्रत दिवस पर कहा अणुव्रत और महाव्रत धर्म के दो रूप है। सब महाव्रती नहीं हो सकते लेकिन घर गृहस्थ में रहकर वे अणुव्रतो की साधना कर सकते हैं। अणुव्रत यानी जीवन शुद्धि की न्यूनतम आचार संहिता। अणुव्रत केवल आचार संहिता ही नहीं अपितु जीवन का दर्शन है। जीवन जीने की कला है।
साध्वी श्री दीप्तियशा जी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा मन को साधने का सबसे अच्छा तरीका जप,तप,व्रत, त्याग नियम है।
साध्वी श्री जी ने भगवान महावीर जीवन दर्शन का वाचन एवम भव की चर्चा करते हुए दया,संयम,तप के विकास की प्रेरणा दी।साध्वी श्री सुधाकुमारी जी ने व्रत दिवस पर गीतिका का संगान किया