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आत्म आराधना, एवं आत्म शुद्धि का महापर्व है पर्युषण – आचार्य लोकेश

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दुबई जैन संघ में आचार्य लोकशजी के सानिध्य में पर्युषण महापर्व की धूम

आचार्य लोकेश की व्याख्यानमाला का श्रवण करने भारी संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।

दुबई/नई दिल्ली। अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक प्रख्यात जैन आचार्य लोकेशजी के सान्निध्य में दुबई जैन संघ द्वारा दुबई में आयोजित पर्युषण महापर्व में विभिन्न आयु वर्ग के श्रद्धालु एवं खासकर युवा भारी संख्या में भाग ले रहे हैं ।31 अगस्त से प्रारम्भ हुये आयोजन मे आचार्य लोकेश की अनेक धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सम सामयिक विषयों पर प्रवचन होंगे युवाओं मे एक ओर जहा धर्म और अध्यात्म के प्रति जिज्ञासा है दुबई की चकाचौंध के बीच पर्युषण पर्व में त्याग, तपस्या, दर्शन,पूजा,भक्ति,ध्यान, योग,स्वाध्याय करने वालों का तांता लगा हुआ है।

विश्व विख्यात जैन आचार्य लोकेशजी ने कहा कि पर्युषण महापर्व आत्मा- आराधना का विशिष्ठ पर्व है | इस पावन पर्व पर आत्मा के दस गुणों की आराधना की जाती है, इसीलिए इसे दशलक्षण पर्व भी कहते हैं। ध्यान, जप, स्वाध्याय, तप आदि के द्वारा आत्मा को कर्म बंधनों से मुक्त कर आध्यात्मिक विकास का प्रयास किया जाता है।भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित संयम आधारित जीवन शैली को अपनाकर व्यक्ति स्वस्थ, सुखी और आनंदमय जीवन जी सकता है|

आचार्य लोकेशजी ने कहा कि पर्युषण पर्व की समग्र साधना का निचौड़ है जीवन में समता भाव और समाधि भाव का विकास। उन्होने कहा समता और समाधि का संबंध पदार्थ और परिस्थिति से नहीं बल्कि हमारी मन: स्थिति से है। भगवान महावीर ने जीवन में समता के विकास के लिए सामयिक के अनुष्ठान का विधान किया था। सामयिक की साधना में भी जब जप, ध्यान और स्वाध्याय का योग मिलता है, तब वह अधिक प्रभावी होती है उससे साधक मन की शांति, समता और समाधि को प्राप्त होता है। मन की शांति से ही विश्व शांति संभव है।

आचार्यश्री लोकेश ने कहा कि जीवन में अनेक प्रकार के उतार-चढ़ाव आते है, कभी सफलता तो कभी विफलता मिलती है किन्तु समता योग की साधना में संलग्न साधक उससे विचलित नहीं होता है, न ही मानसिक संतुलन खोता है बल्कि मन की शांति, समता और समाधि के साथ वह प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थितियों को भी धैर्य के साथ पार पा लेता है। उन्होने कहा भगवान महावीर के जीवन में अनेक प्रकार के कष्ट आए किन्तु वह सदैव समता के रथ पर सवार रहें। उनके बताए हुए मार्ग का अनुसरण करके हम जीवन में साधना के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है।पर्युषण पर्व के सभी कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए दुबई जैन संघ के प्रमुख पदाधिकारी श्री विपुल भाई कोठारी, शेखर भाई पटनी, चन्दू भाई, राजेश भाई सिरोहिया, करण भाई सहित सम्पूर्ण संघ का उत्साह व व्यवस्थाएँ देखने लायक़ है, अभूतपूर्व है।
पर्युषण पर्व के दौरान संध्या भक्ति संगीत की टीम में संजय शाह, बकुल पण्ड्या ग्रुप एंड हिरल सावला, चंद्रकांत सोलंकी, रितेश सुपत, विजय बेलबंशी के भक्ति संगीत से लोग भाव विभोर हो जाते हैं।

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