पालघर।पालघर में साध्वी श्री पीयूष प्रभा जी ठाणा 4 के पावन सानिध्य में तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन व कन्या मंडल द्वारा पालघर जिला स्तरीय प्रेरणा कार्यशाला आयोजित हुई। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की कोषाध्यक्ष श्रीमती तरुणा बोहरा की उपस्थिति आकर्षण का केंद्र रही। पालघर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आई कन्याओं का स्वागत थम प्रिंटिंग से किया।
मंगलाचरण कन्या मंडल ने भिक्षु अष्टकम से किया।
प्रेरणा वृक्ष का उद्घाटन तरुण,अभातेममं कार्यकारिणी सदस्य संगीता बाफना,महिला मंडल अध्यक्ष्या संगीता चपलोत,मंत्री रंजना तलेसरा एवं कन्या मंडल ने किया। स्वागत व्यक्तत्व कन्या मंडल संयोजीका रिद्धि सिंघवी ने किया। पालघर कन्या मंडल ने भावपूर्ण स्वागत गीत की प्रस्तुति दी।
उपस्थित कन्याओं एवं श्रावकगण को संबोधित करते हुए साध्वी श्री डॉ. पीयूष प्रभा जी ने "आधुनिक संस्कृति : हमारे संस्कार" इस विषय पर कहां कन्याएं समाज की धरोहर है जो दो घरों को उजागर करती है। प्रत्येक कन्या आज ऊंचे गगन में उड़ान भरना चाहती है। जमीन पर रहते हुए शिक्षित, प्रशिक्षित होकर वह आज हर क्षेत्र में विकास कर सकती है जरूरत है उन्हें सही दिशा में मोटिवेट करने की इसलिए समय-समय पर ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन होना चाहिए। जीवन की पारी को खूबसूरती से खेलने के लिए जीवन के गीत को मधुर बनाने के लिए, जीवन के हर संघर्ष में जीत हासिल करने के लिए आवश्यक है कि कन्याएं अपनी संस्कृति अपने संस्कार ना भूले। जैन संस्कृति के अनुसार अपना खान-पांन, रहन- सहन, बड़ों का आदर- सम्मान साथ ही धार्मिक संस्कार पुष्ट हो। टाइम मैनेजमेंट जीवन में महत्वपूर्ण है सफल होने के लिए। अंधेरे को दूर कर जीवन में नव प्रकाश आए। प्रेरणा कार्यशाला से आज हर कन्या जीवन के लिए नवीन प्रेरणा ग्रहण करेगी ऐसा विश्वास है।
मुख्य वक्ता तरुण जी ने "इग्नाइट योर एग्जाम स्पिरिट" विषय पर प्रभावशाली और प्रेरणादाई व्यक्तत्व दिया विभिन्न उदाहरण द्वारा बताया कि परीक्षा से पहले क्या-क्या भय होते हैं। शरीर पर क्या असर होता है और परीक्षा से पहले विद्यार्थी किस तरह तैयारी करें एवं अपनी मानसिक तनाव को कैसे दूर करें।
साध्वी श्री भावनाश्री जी ने पेंसिल कैसे जीवन में प्रेरणा बन सकती हैं इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। साध्वी सुधाकुमारी जी ने कन्याओं के लिए जीवन को चमकाएं गीत प्रस्तुत किया। साध्वी श्री दीप्तियशा जी ने ध्यान का प्रयोग करवाया एवं एकाग्रता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रयोग बताएं।
कार्यशाला में दूसरे सत्र में सूरत से समागत आर्टिस्ट रिची जैन ने रंगों के माध्यम से सभी कन्याओं को कन्याओं के भीतर की प्रतिभा को उजागर किया। पालघर,नालासोपारा,विरार, सफाला,मनोर,बोईसर,डहाणू से समागत कन्याओं को विशेष प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें पालघर से भाग्यश्री बाफना,नालासोपारा से कशिश एवं ग्रुप में ब्लू ग्रुप प्रथम रहा। सभी को पुरस्कृत किया गया। धार्मिक प्रतियोगिता का संयोजन साध्वी श्री दीप्तियशा जी ने किया।
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