थार नगरी बाड़मेर में जैन साधार्मिक वर्षीतप समिति कराएगी 2024-25 की वर्षीतप तपस्या की आराधना
तपस्या के तप से तपकर शरीर कुन्दन होता है-आचार्य श्री जिन मनोज्ञसूरीश्वरजी
बाड़मेर 17 मार्च। थार नगरी बाड़मेर में जैन साधार्मिक वर्षीतप समिति के तत्वाधान में आगामी 2024-25 की वर्षीतप तपस्या को लेकर ब्रह्मसर दादावाड़ी कुशल धाम प्रांगण में रविवार को वसीमालाणी रत्न शिरोमणि ब्रह्मसर तीर्थोद्वारक मरूधर रत्नाकर आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. व मुनि नयज्ञसागरजी म.सा.की की पावन निश्रा में वर्षीतप तपस्या के बेनर का विमोचन किया गया। जैन साधर्मिक वर्षीतप समिति के सुरेश छाजेड़ फोजी ने बताया कि बाड़मेर में आगामी 2024-25 में होने वाली एक साल की तपस्या जिसमें एक दिन बियासना और एक दिन उपवास का क्रम होगा जो पुरे एक साल तक चलेगा। छाजेड़ ने बताया कि इस आयोजन कि व्यवस्थाओं के संचालन के लिए कमेटियों का गठन किया जायेगा। ब्रह्मसर दादावाड़ी में आचार्य श्री मनोज्ञसूरीश्वरजी की पावन निश्रा में थार नगरी बाड़मेर में तपस्या निमिते सामुहिक वर्षीतप के बैनर का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर आचार्यश्री ने कहा कि तपस्या के तप से तपकर शरीर कुन्दन होता है। समिति की ओर से जो ये व्यवस्था सम्भालने का निर्णय लिया है वो अनुमोदनीय है। उन्होने बाड़मेर की धरती को नमन करते हुए कहा कि यहां का युवा देशभर के लिए प्रेरणा है कि सब कुछ छोड़कर संयम पथ पर अग्रसर हो रहा है। इस सैकड़ों दीक्षाएं होना इस बात का प्रमाण है। इस अवसर पर बाबुलाल मालू गोईलार, सुरेश छाजेड़ फोजी, गौतम संखलेचा सांख, भरत संखलेचा, सुरेश लूणिया चैनई, मेवाराम बोथरा,धनराज बोथरा धोरीमन्ना सेहित कई गुरूभक्त उपस्थित थे।