गुजरात का कच्छ भारत में मादक पदार्थों की तस्करी का प्रवेश द्वार बनता दिख रहा है। पिछले कुछ वर्षों से कच्छ के समंदर से तस्करी करके लाई गई हेरोइन या कोकीन हो, बंदरगाह पर माल के साथ आने वाली ड्रग्स हो या फिर पाकिस्तान से भेजी गई हेरोइन की बीच समुद्र में बरामदगी, कच्छ में विभिन्न तरीकों से मादक पदार्थों की तस्करी की अंतरराष्ट्रीय कोशिश हो रही है। इसी कड़ी में गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने मुंद्रा बंदरगाह पर तस्करी करके लाई गई करोड़ों रुपये की हेरोइन बरामद की। इस 75.3 किलोग्राम ड्रग्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 376.5 करोड़ रुपये आंकी गई है।
गुजरात एटीएस को पंजाब पुलिस के अधिकारियों से जानकारी मिली थी कि मुंद्रा बंदरगाह पर पिछले डेढ़-दो महीने से एक संदिग्ध कंटेनर पड़ा हुआ है, जिसमें नशीले पदार्थ होने की आशंका है। जानकारी की पुष्टि के बाद मुंद्रा के ऑल कार्गो सीएफएस (कंटेनर फ्रेट स्टेशन) पर गुजरात एटीएस की टीम ने छापेमारी की। वहां निजी सीएफएस में रखे कंटेनर की तलाशी से पता चला कि उसमें करीब चार हजार किलोग्राम कपड़ा था, जिसे 540 रोल में लपेटा गया था। पुलिस ने कपड़े के रोल की गहन तलाशी ली, तब 540 में से 64 रोल के अंदर 75.3 किलो ड्रग्स मिला. एटीएस के अनुसार, फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में इस ड्रग्स की जांच कराई गई, तब पता चला कि ये हाई क्वालिटी की हेरोइन है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका मूल्य करीब 376.5 करोड़ रुपये है। ये कंटेनर संयुक्त अरब अमीरात के अजमान फ्री जोन से ग्रीन फॉरेस्ट जनरल ट्रेडिंग कंपनी द्वारा भेजा गया था। मुंद्रा बंदरगाह पर यह 13 मई को पहुंचा था, जिस पंजाब भेजा जाना था।
ड्रग्स की तस्करी के लिए इस बार नया तरीका अपनाया गया था। कपड़े के रोल के अंदर कार्डबोर्ड में जगह बनाकर हेरोइन को कपड़े में लपेटकर रखा गया था। कार्डबोर्ड पाइप के ऊपर एक और प्लास्टिक पाइप रखा गया था। दोनों के बीच की खाली जगह में ड्रग्स को पैक किया गया था, फिर दोनों तरफ से टेप से चिपका दिया गया था। इसके अलावा, कार्डबोर्ड पाइप और प्लास्टिक पाइप पर नीला कार्बन पेपर चिपकाया गया था, ताकि एक्स-रे स्कैनिंग के दौरान पकड़ में न आ सके।