--डोनेट लाइफ द्वारा आईएनएस अस्पताल से अंगदान कराया गया
सूरत। डोनेट लाइफ द्वारा एक और अंगदान सूरत की आईएनएस अस्पताल से कराया गया। जिसमें ब्रेन डेड रमीला बहन जीतू भाई भेंसाणिया (53 वर्ष) के परिवार ने रमीला बहन का फेफसा , किडनी, लीवर और चक्षुओं का दान करके छे व्यक्तियों को नया जीवन प्रदान कर मानवता की महक समाज में फैलाया गया। मुलाकात लुंधिया, तालुका बगसरा, जिला अमरेली और हाल में 401 सहजानंद कॉम्प्लेक्स सिमाड़ा नाका, मणिनगर सोसायटी के पीछ रहने वाली रमीला बहन को 4 दिसंबर सुबह दौरा पड़ने से परिजन तत्काल आईएनएस अस्पताल मैं भार्ती कराया। जहां सिटी स्कैन करने पर ब्रेन हेमरेज का निदान किया जा रहा था। इस दौरान 6 दिसंबर को रमीलाबेन को ब्रेनडेड घोषित कर दिया गया। डॉ. निधि आसोदरिया ने डोनेट लाइफ के संस्थापक निलेश मांडलेवाला से टेलीफोन से संपर्क कर कहा कि रमिला बहन के परिजन अंगदान करने की इच्छा व्यक्त की है। ब्रांडेड के बारे में बात कर अंगदान के महत्व को समझाया गया। इसके बाद परिजन अंगदान करने के लिए सहमत हो गए। उसके बाद डोनेट लाइफ की टीम अस्पताल पहुंची और परिजनों द्वारा अंगदान की सहमति मिलने पर सोट्टो से संपर्क किया गया। सोट्टो लीवर और किडनी अहमदाबाद की आईकेडीआरसी और सोट्टो द्वारा फेफसा को गुड़गांव हरियाणा की वेदांता धी मेडिसिटी अस्पताल को दिया गया। जबकि चक्षु का दान लोक दृष्टि चक्षु बैंक के डॉक्टर प्रफुल्ल सिरोया ने से स्वीकार किया। रमिलाबेन के फेफसा का ट्रांसप्लांट छत्तीसगढ़ की 44 वर्षीया महिला में गुड़गांव वेदांता की अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा किया गया। जबकि लीवर और दोनों किडनी का ट्रांसप्लांट अहमदाबाद की आईकेडीआरसी के तीन जरूरतमंद रोगियों में किया जाएगा। फेफसा समय पर गुड़गांव पहुंचने के लिए हवाई मार्ग से गुड़गांव और सूरत एयरपोर्ट को ग्रीन कॉरिडोर में तब्दील कर दिया गया था । सूरत ओऑंऑऑऑऑ में ऑ्ऑऔर दक्षिण गुजरात में डोनेट लाइव द्वारा कुल से 1200 अंगों और टिशुओं का दान किया गया है। जिसमें 492 किडनी, 212 लिवर, 50 हृदय, 46 फेफसा, 8 पेन्कियास, 4 हाथ और 1 छोटी आंत और 387 चक्षुओं के दान से देश और विदेश में 1101 व्यक्तियों को नया जीवन और नई दृष्टि देने में सफलता मिली है।
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