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जैन कवि-साहित्यकारों का चतुर्थ राष्ट्रीय अधिवेशन

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कवि जगदीप जैन "हर्षदर्शी राष्ट्रीय अध्यक्ष
शकुन सरगम राष्ट्रीय सह मंत्री, प्रतिभा बोथरा गुजरात प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त

        जैन कवि संगम का चतुर्थ राष्ट्रीय अधिवेशन देश भर से पधारे कवि-साहित्यकारों की गरिमामय उपस्थिति में 7-8 अक्टूबर 2023 को ढाईद्वीप जिनायतन ,इंदौर में  सम्पन्न हुआ।अधिवेशन के प्रथम सत्र का शुभारंभ जगदीप जैन"हर्षदर्शी"के काव्यमयी संचालन में दिलीप गाँधी की मधुर बाँसुरी स्वर लहरियों के साथ मंगलाचरण से हुआ।इस सत्र में विशेष अतिथि सर्वश्री सुनील गांग,अजय जैन,ब्रजराज ब्रज का स्वागत किया गया।संस्थापक-अध्यक्ष नरेन्द्रपाल जैन ने जैन कवि संगम के उद्भव की जानकारी देते इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।शकुन सरगम ने  मधुर स्वर में संस्था गीत सुनाया।वरिष्ठजन सम्मान के अंतर्गत राजेन्द्र गुलेच्छा,जैनेन्द्र खमेसरा,नीलमचंद सांखला,रमेश बोहरा,गौतम बोहरा,सागरमल सराफ,मनोहर महक,जयंतीलाल जागरूक,पद्मचंद गाँधी,सागरमल सराफ,दिलीप गाँधी का अभिनंदन किया गया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का मनोनयन
       संस्थापक-अध्यक्ष नरेन्द्रपाल जैन द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कवि जगदीप जैन "हर्षदर्शी के नाम घोषणा की  गई। नूतन राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षदर्शी ने सभी से समर्थन और सहयोग की अपेक्षा के साथ राष्ट्रीय कार्यकारणी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयसिंह नाहटा व राजेन्द्र गुलेच्छा,राष्ट्रीय महामंत्री मनोज जैन मनोकामना,सह महामंत्री अमित मरड़िया और श्रीमती शकुन सरगम का मनोनय किया । 
  "ॐ पारदर्शी पुरस्कार-2023" गीतकार कैलाश "तरल" को प्रदान  किया गया।   
सेवा-सम्मान
       जैन कवि-संगम की देश भर में संचालित इकाईयों में तमिलनाडु,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,राजस्थान,गुजरात,दिल्ली का अभिनंदन किया गया।इस अवसर संस्था को सहयोग देने वाले श्रेष्ठीजनों को भामाशाह सम्मान अलंकरण देकर सम्मानित किया गया। समारोह के अंत में पधारे हुए अतिथियों व सदस्यों के प्रति आभार मनोज जैन "मनोकामना" ने ज्ञापित किया ।

*अधिवेशन के दूसरे सत्र* का प्रारंभ सरिता सरगम ने मंगलाचरण से किया। इस सत्र का संचालन शकुन सरगम और प्रतिभा बोथरा ने सुंदर शैली के साथ किया।विशेष अतिथि समाजसेवी  विनोद बाफना,वरिष्ठ साहित्यकार विजयसिंह नाहटा,पूर्व सेशन जज नीलमचंद सांखला,समाजसेवी राजेन्द्र कांठेड का स्वागत-अभिनंदन किया गया।साहित्यकार नेहा नाहटा"निश्छल"ने साहित्यिक उद्बोधन दिया । देश भर में संचालित इकाईयों की ओर से तमिलनाडु से गौतमचंद बोहरा व अमित मरडिया,मध्यप्रदेश से सुगनचंद जैन,कर्नाटक से राजेन्द्र गुलेच्छा,छत्तीसगढ से राजेश राही,दिल्ली से धर्मेन्द्र लवली,राजस्थान से अनिल उपहार,गुजरात से प्रतिभा बोथरा ने वर्षभर में की गई उपलब्धियों को प्रस्तुत करते हुए भावी योजनाएँ बताई।
समारोह में राजेश जैन राही एवं जैनेश्वर खमेसरा की कृति का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।अधिवेशन में साहित्यकार कवयित्री श्रीमती नेहा नाहटा व श्रीमती इन्दुबाला "हर्षदर्शी"ने आवास व्यवस्था आदि में सेवाएँ दी। 
तीसरे सत्र में जैन कवि संगम के कवि-साहित्यकारों के द्वारा कवि सम्मेलन काव्यपाठ का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए 70 कवियों ने 6 घंटे तक नवरसों की वर्षा की।समस्त कवियों को "काव्य कौस्तुभ सम्मान" प्रतीकचिह्न प्रदान कर किया गया। इसके सौजन्यदाता सुगनचंद जैन व राजेन्द्र जैन थे ।
चतुर्थ सत्र 8 अक्टूबर को हुआ जिसमें गोम्मटगिरि आदि जिनालयों के दर्शन के साथ पुनः मिलन की आशा के साथ विदाई हुई ।

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