तिरुथंगल नाडर कॉलेज, कोडिनग्यूर, चेन्नई में हुआ भव्य आयोजन
सेलवायल, चेन्नई।अणुव्रत विश्व भारती सोसाइटी के तत्वावधान में 'पर्यावरण संरक्षण' प्रकल्प के अन्तर्गत अणुव्रत समिति, चेन्नई द्वारा शुक्रवार को चेन्नई महानगर के कोडिनग्यूर में स्थित तिरुथंगल नाडर कॉलेज के विशाल परिसर में अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित आँचलिया की अध्यक्षता एवं पर्यावरण संरक्षण प्रभारी मनोज गादिया के संयोजन में सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित हुआ।
प्रथम चरण में अध्यक्ष ललित आंचलिया ने कॉलेज प्रांगण में प्रिंसिपल श्रीमती डॉ.वी देवी,वाइस प्रिंसिपल डॉ. ललिता तथा कॉलेज के विद्यार्थियों को अणुव्रत के सिद्धांतो और नियमों की जानकारी देते हुए समिति की गतिविधियों से अवगत करवाया। अणुव्रत के नियमों को अपने जीवन में पालने की प्रेरणा दी।
अणुव्रत समिति द्वारा अणुव्रत आचार संहिता बोर्ड एवं तमिल भाषा में लिखी पुस्तकें भेट की गई।
कॉलेज की प्रधानाचार्य ने समिति अध्यक्ष का सम्मान करते हुए अणुव्रत समिति चेन्नई के कार्यों की सराहना करते हुए अपने विचार व्यक्त किये।
वृक्षारोपण के इस कार्यक्रम के अन्तर्गत हमारा संकल्प - "पेड़ लगाओ धरती बचाओ, इस दुनिया को सुंदर बनाओं" विषय पर वहाँ के छात्रों को जानकारी एवं प्रेरणा दी गई।
कॉलेज प्रशासन, विद्यार्थियों,समिति पदाधिकारी,सदस्यों, प्रायोजक परिजन से अनिता विजयकुमार सुराणा एवं गणमान्य व्यक्तिओं की उपस्थिति में विविध प्रकार के वृक्ष लगाये गए।
कॉलेज प्रशासन एवं छात्रों ने वृक्षों के रखरखाव की जिम्मेवारी ली।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में छात्रों का इको क्लब अध्यक्ष के कौशल्या, उपाध्यक्ष आर किशोरकुमार एवं सैकड़ो छात्रों ने कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।
अणुव्रत समिति उपाध्यक्ष अरिहंत बोथरा,मंत्री स्वरूप चन्द दाँती,कोषाध्यक्ष पंकज चौपड़ा,संगठन मंत्री कुशल बाँठिया,निर्मला छल्लाणी,वसंत छल्लाणी,राजेश खटेड़,हनुमान सुखलेचा,ललिता वैद,वंदना मुणोत इत्यादि का कार्यक्रम की सफलता में सराहनीय योगदान रहा।
वृक्षारोपण कार्यक्रम के प्रायोजक जयंतीलाल विजयक़ुमार सुयश छवि सुराणा (चेन्नई) का आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम संयोजक मनोज गादिया ने पर्यावरण की महत्ता, भावी पीढ़ी में उसके प्रभाव की जानकारी दी एवं सभी छात्रों को पर्यावरण कार्यक्रम में जुड़ने की प्रेरणा दी। पेड़ पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए हम सभी का दायित्व है कि हम लोग पेड़ों के महत्व को समझें और इसे बचाने के लिए प्रयत्न करें।