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देश या विदेश, मातृत्व का भाव सब जगह एक:अभिनेता गोविन्दा

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'गोविंदा' को प्रदान किया गया "संस्कृति कलाश्री अवार्ड"

 "हीरो नंबर वन" °एक शाम संगीत एवं नृत्य के नाम° म्युजिकल शाम का हुआ आयोजन

 मैल्लापुर, चेन्नई।संस्कृति कल्चरल फाउंडेशन द्वारा चेन्नई के मैल्लापुर स्थित म्यूजिक अकाडेमी में "हीरो नंबर वन" मशहूर अभिनेता 'गोविंदा' के गानो पर आधारित म्युजिकल शाम का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित से हुई। स्वागत अभिव्यक्ति देते हुए संस्कृति अध्यक्ष श्री चंद्रमोहन दमानी ने प्रायोजको, कदरदान सदस्यों और अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के चेयरमैन श्री आनंद बिहानी एवं कन्वेनर विनोद कोठारी ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। कार्यक्रम का संचालन श्री सुधीर कांकरिया, श्रीमती सरिता फोमरा एवं श्रीमती नीलम बैद ने किया। संस्कृति के सभी कलाकारों ने बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी।
 इस मौके पर बॉलीवुड अभिनेता श्री गोविंदा को अध्यक्ष चंद्रमोहन दमानी ने "संस्कृति कलाश्री" अवार्ड से नवाजा। मंत्री प्रमोद गादिया ने शाल ओड़ाई एवं कोषाध्यक्ष मितेश दुगड़ ने तिलक द्वारा स्वागत किया।

 बहुत जरुरी है संस्कृति से जुडे, आर्ट और कल्चरल से जुड़े रहे
 श्री गोविंदा ने कहा की संस्कृति का यह मंच कलाकारों को आगे बढ़ाने में सहयोगी बन रहा है। संस्कृति कल्चर फाउंडेशन हमारी मूल संस्कृति को आगे बढ़ा रहा है। मुझे भी मेरी माता से संस्कार मिले। गोविन्दा ने कलाकार बच्चों के प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि वे अपने माता पिता का हमेशा आदर सम्मान करें, उनके आशीर्वाद से आप उन्नति को प्राप्त कर सकते है। जो हृदय से सुन्दर और मन से पवित्र हुआ करते है, वो किसी भी प्रकार की तकलीफ में आते नहीं है। इसलिए बहुत जरुरी है संस्कृति से जुडे, आर्ट और कल्चरल से जुड़े रहे। आप चाहे भारत में रहो या अन्य देशों में, वहा की भाषा, वेशभूषा, खानपान अलग हो सकता है, लेकिन मातृत्व का भाव सब जगह एक ही है। जो बच्चे माता से जुड़ जाते है, तो मैं लिख कर दे सकता हूँ कि उसका कल्याण अवश्य होगा। मेरी माता एक साधिका थी, मैंने बचपन में कभी लहसुन कांदा भी नहीं खाया।

 मेरी कई हिट फिल्में दक्षिण की धरोहर है
 गोविन्दा ने कहा कि आपका यह अपनत्व, प्रेम, सहकारिता का में कायल हूँ। मुझे सम्मान कई मिले है, लेकिन यह सम्मान मेरे जीवन की अमूल्य धरोहर रहेगा। चेन्नई से मेरा पुराना लगाव है। उन्होंने कलाकारों एवं नृत्य करने वाले सभी बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियों की बहुत सराहना की।

 बाल कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां, मंत्रमुग्ध हुए श्रोता 
 कुछ प्रसिद्ध गाने जैसे हद कर दी आप ने, कागज कलम, एक नया आसमान, आप के आ जाने से, तुम से कोई प्यारा, अखियों से गोली मारे, हुस्न है सुहाना, मोहब्बत की नही जाती, किसी डिस्को में जाए एवं बच्चों द्वारा नृत्य की प्रस्तुति पर वे अपने आप को रोक नहीं पाए और स्वयं मंच पर आकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया। दर्शकों के भरपूर हौसला अफजाई के लिए भी आभार जताया। धन्यवाद ज्ञापन मंत्री प्रमोद गादिया ने दिया।

 संस्कृति द्वारा प्रकाशित द्वितीय पुस्तक "दरिया दोहो का" जिसके लेखक पूर्वाध्यक्ष श्री गौतमचंद बोहरा ने अभिनेता गोविंदा को पुस्तक भेंट की।
 कार्यक्रम के लाइट एन्ड साउंड श्री गिरि बागरी, श्री संदीप चोररिया ने संभाला। बैक स्टेज में श्री मदन सुराणा, श्री अशोक सिपानी एवं श्री राजेश सुराणा, रिसेप्शन में राकेश बिनायिकीय, प्रमोद चोरारिया, महावीर पारेख, श्रीमती सुधा बोहरा, किशोर बोहरा एवं खाने में श्री जयंतिलाल तलेसरा, श्री दीपक कोठारी, श्री सुरेंद्र सराड़ा ने सहयोग दिया।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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