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जिनकी गुरूदेव के प्रति अटूट श्रद्धा व विश्वास होता है वहां गुरू स्वयं चले आते है-आचार्य श्री मनोज्ञसूरीश्वरजी

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आचार्य मनोज्ञसूरीश्वरजी का झाक नगर में हुआ भव्य प्रवेश

आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी का सोनाणी मालू परिवार ने ढोल-ढमाके के साथ किया स्वागत


जैन श्री संघ झाक द्वारा निर्मित उपाश्रय का हुआ उदघाटन व सोनाणी मालू परिवार द्वारा हुआ संघ स्वामीवात्साल्य का कार्यक्रम

पंच तीर्थी यात्रा संघ का हुआ समापन व कैलाश मालू झाक ने जताया यात्रियों का आभार व किया मिच्छामि दुकड़म

झाक(बाड़मेर)। झाक कस्बे में वसीमालाणी रत्नशिरोमणि ब्रह्मसर तीर्थाेद्वारक आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. व मुनि नयज्ञसागरजी म.सा. के झाक पहुँचने पर जैन श्री संघ झाक व सोनाणी मालू परिवार द्वारा सामैया के साथ स्वागत व अभिनन्दन किया।

गुरूभक्त व संघपति कैलाश मालू झाक व अशोक मालू झाक ने बताया कि खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के आशीर्वाद व आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा से मातुश्री ढेलीदेवी देवीचन्द मालू की स्मृति में पंचतीर्थी यात्रा संघ 23 मार्च को कुशल वाटिका, कुलदेवी संचियाय माता मंदिर कुर्जा से रवाना होकर धोल्ल्का कलिकुण्ड पार्श्वनाथ, मणिलक्ष्मी तीर्थ, गिरनार तीर्थ, अजहरा पार्श्वनाथ, सोमनाथ, शत्रुंजय महातीर्थ पालीताणा, शंखेश्वर पार्श्वनाथ होते हुए 29 मार्च को वापस झाक पहुंचा, जहां आचार्य मनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा-02 की पावन निश्रा व श्रीश्री 1008 योगीराज पारसनाथजी महाराज व राजस्थान गौ सेवा आयोग अध्यक्ष मेवाराम जैन के मुख्य अतिथ्यि में संघ के वधावने का कार्यक्रम आयोजित हुआ, उसके बाद जैन श्री संघ झाक द्वारा निर्मित धर्मशाला का उद्वघाटन व ढेलीदेवी देवीचन्द पोकरचन्द सोनाणी मालू परिवार द्वारा पदमनाथ गौशाला में चारागृह पर साइन बोर्ड लगाकर उद्वघाटन, दादा गुरूदेव की बड़ी पूजा का आयोजन हुआ।

धर्म सभा के बाद सोनाणी मालू परिवार द्वारा संघ स्वामीवात्साल्य का आयोजन किया गया और दोपहर में नवीन धर्मशाला में विधिकारक सुनील भाई व जैन संगीतकार गौरव मालू द्वारा आचार्य श्री की निश्रा में मंत्रोचार के साथ महापूजन का आयोजन किया गया। बाड़मेर पंच दिवसीय गुजरात पंचतीर्थी यात्रा संघ वापस झाक पहुंचने पर बुधवार को झाक नगर में जैन श्री संघ झाक व सोनाणी मालू परिवार द्वारा आचार्य श्री का सामैया के साथ जुलुस निकालकर ढोल-ढमाकों से स्वागत किया गया। मालू ने बताया कि आचार्यश्री ब्रह्मसर से उग्र विहार करते हुए गुरूभक्त कैलाशकुमार देवीचन्द मालू परिवार झाक वालों की विनती स्वीकार कर झाक पहुँचे, आचार्यश्री मनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. आचार्य पदवी से अलंकृत होने के बाद झाक नगर जैन मौहल्ला में प्रथम बार पधारने पर जैन श्री संघ झाक व मालू परिवार द्वारा सामैया के साथ स्वागत किया। आचार्य श्री के प्रवेश का जुलुस स्टेशन रोड़ झाक  से ढोल-ढमाको के साथ होता हुआ रवाना होकर झाक कस्बे के मुख्य मार्गो से होता हुआ धर्मसभा स्थल पहुंचा जहां पर आचार्य श्री का मांगलिक प्रवचन हुआ और यात्रा संघ के बधावने व संघ स्वामीवात्सल्य का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस जुलुस में आचार्यश्री के पीछे-पीछे चलते गुरू महिमा का गुणगान करते हुए, जिनशासन की जय-जयकार करते हुए भक्तजन, श्रावक-श्राविकाए बैण्ड व ढ़ोल की थाप पर गुरूभक्त युवा वर्ग जगह-जगह पर झूम रहे थे। प्रवेश के दौरान आचार्यश्री की प्रवेश के जुलुस का जगह-जगह पर गहुल्ली वह तोरण द्वार व फूलों से स्वागत किया गया।

बाड़मेर शहर के जैन समाज के सैकडों की संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने मालू परिवार के अभिनन्दन कार्यक्रम व स्वामीवात्सल्य के कार्यक्रम में पधारकर जिन शासन की शोभा बढ़ाई। गुरूदेव के प्रवेश को लेकर मालू परिवार में अपने गुरू के प्रति जबरदस्त उत्साह का माहौल नजर आ रहा था। इस बार झाक नगर में प्रवेश का   दृश्य अद्भूत नजर आ रहा था। नगर प्रवेश का जुलुस सोनाणी मालू परिवार के निवास स्थल पहुंचने पर स्वागत किया गया, देवीचन्द पोकरचन्द सोनाणी मालू़ परिवार के निवास पर व गांव में गुरूभक्तों के घर गुरूदेव के पगलिये किये और गुरूपूजन किया और धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा, गुरुवंदन एवं मंगलाचरण से प्रारंभ हुई। पंच दिवसीय यात्रा के समापन के उपलक्ष व आचार्यश्री प्रवेश के उपलक्ष में देवीचन्द पोकरचन्द सोनाणी मालू़ परिवार की और से संघ स्वामीवात्साल्य का आयोजन किया गया। आचार्य श्री ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि ब्रह्मसर तीर्थ पर आकर कैलाशकुमार देवीचन्द मालू परिवार ने विनती की और हमने भी सहजता से हा भर दिया, गुरूदेव ने कहा कि अपने स्वद्रव्य से लाखों रुपये ख़र्च करके परिवार के साथ यात्रा करवाना बहुत ही अनुमोदनीय कार्य है, ओर आगे भी छः री पालित संघ की भावना रखे ऐसा गुरुदेव ने धर्मसभा में कहा। जिस तरह चन्दनबाला व भगवान महावीर के गुरूभक्ति का उदाहरण देते हुए कहा कि जो भाग्यशाली व पुण्यशाली होते है जिनकी गुरूदेव के प्रति अटूट श्रद्धा व विश्वास होता है जहां गुरू स्वयं चले आते है, ऐसा ही योग आज सोनाणी मालू परिवार झाक में हुआ। गुरूभक्त कैलाश मालू झाक ने धर्मसभा में कहा कि में और मेरा परिवार सौभग्यशाली है जो मेरे घर गुरूभगवन्तों का चरण पक्षालन करने का मौका मिला और गुरूदेव से मेरे परिवार से कई सालों से लगाव है।

कार्यक्रम के अन्त में लाभार्थी परिवार से अशोक मालू झाक, कैलाश मालू झाक व महावीर मालू ने गुरूदेव व पधारे हुए गुरूभक्तों व यात्रियों का आभार प्रकट किया व मिच्छामि दुकडम किया। अभिनन्दन कार्यक्रम में संघपति अशोककुमार, कैलाशकुमार, महावीरकुमार बेटापोता देवीचन्द पोकरचन्द सोनाणी मालू परिवार का जैन श्री संघ झाक, अखिल भारतीय मालू भाईपा समाज संस्थान, वसी कोटड़ा चौबीस गांव व परिवार द्वारा अभिनन्दन किया गया। इसके बाद आचार्य श्री को मालू परिवार द्वारा काम्बली ओढाई गई। कार्यक्रम में मंच का सफल संचालन मांगीलाल मालू सूरत व संगीतकार गौरव मालू ने किया। इस कार्यक्रम में बाड़मेर सहित कई क्षेत्रों के प्रमुख प्रबद्धजन व गुरूभक्तों ने शिरकत की।

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