IMG-LOGO
Share:

अभिव्यक्ति का सुंदर माध्यम है- भाषा : साध्वी डॉ गवेषणाश्रीजी

IMG

"मौन की शक्ति"विषयक कार्यशाला में बताई वाणी की महत्ता

सेलम।अभातेममं के तत्वधान में साध्वी श्री डॉ. गवेषणाश्रीजी ठाणा- 4 के पावन सान्निध्य में तेरापंथ महिला मंडल के द्वारा तेरापंथ सभा भवन, सेलम में मौन की शक्ति (The Power Of Silence) कार्यशाला का आयोजन किया गया।
साध्वीश्रीजी द्वारा नवकार मंत्र के उच्चारण से कार्यशाला की मंगलमय शुरुआत हुई। महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण किया गया। श्रीमती ऊषभ डूंगरवाल द्वारा स्वागत भाषण प्रेषित किया गया।
साध्वी डॉ. गवेषणाश्रीजी ने वाणी संयम की शक्ति विषय पर आकर्षक उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति का सुंदर माध्यम है- भाषा। साधना का महत्वपूर्ण सूत्र है- वाणी। अनावश्यक बोलना, ग्रहण के समान है। छान के पियो पानी, तोल के बोलो वाणी, क्या कब और कैसे शब्दों का प्रयोग करें आदि द्वारा मंगल उद्बोधन दिया।
साध्वी मेरुप्रभाजी द्वारा "बोलने में विवेक रखने से आदमी कभी ठोकर नहीं खाता" पर सुंदर गीतिका ने सबका मन मोह लिया। साध्वी मयंकप्रभाजी ने दु:खी होने के चार कारण 1 ज्यादा बोलना, 2 एकदम मौन रहना, 3 समय आने पर चुप रहना, 4 असमय में ही बोलना, बताते हुए वाणी संयम बहुत कठिन है, पर जरूरी है, सुंदर अभिव्यक्ति दी।
 कार्यशाला का ऊर्जस्वित संचालन साध्वी श्री दक्षप्रभाजी द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन मंत्री सरिता चोपड़ा द्वारा किया गया। महिला मंडल, सभा, युवक परिषद, कन्या मंडल सभी की सराहनीय उपस्थिति रही।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

Leave a Comment

Latest Articles

विद्रोही आवाज़
hello विद्रोही आवाज़

Slot Gacor

Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Situs Pulsa

Slot Deposit Pulsa Tanpa Potongan

Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Situs Slot Gacor

Login Slot

Situs Slot Gacor