358 असहाय बच्चों को 'पालक माता-पिता' के रूप में राज्य सरकार छत्रछाया उपलब्ध करा रही है
पेटा - वर्ष 2021-22 में 'पालक माता-पिता योजना' के तहत सूरत जिले के 18 वर्ष तक के निराश्रित बच्चों को शिक्षा के लिए 3000 रुपये मासिक सहायता
सूरत।आज का बच्चा, कल का भविष्य' कथन के अनुरूप माता-पिता की छत्रछाया खो चुके बच्चों को शिक्षा का लाभ देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने वर्ष 2018 से 'पालक माता पिता योजना' लागू की है। जिसके अनुसार, (1) बच्चे के माता-पिता की मृत्यु हो गई है या (2) पिता की मृत्यु के बाद माँ ने पुनर्विवाह कर लिया है और बच्चे का भरण-पोषण किसी अन्य रिश्तेदार द्वारा किया जा रहा है, दो परिवारों के बच्चे पात्र हैं इस योजना का लाभ प्राप्त करें।
इस योजना के अंतर्गत पढ़ने वाले बच्चों में बच्चे के 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक 3000/- रुपये की मासिक सहायता प्रदान की जाती है और यदि बच्चा 18 वर्ष की आयु से पहले स्कूल छोड़ देता है तो सहायता बंद कर दी जाती है अर्थात बच्चे को अपनी पढ़ाई जारी रखनी जरूरी है।
जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी कार्यालय, सूरत द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2021-22 में पूरे सूरत जिले के 358 बच्चों को इस सहायता के अंतर्गत आच्छादित किया गया है। पालक माता-पिता योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए योजना आवेदन सामाजिक न्याय एवं हिमायत विभाग की ई-समाज कल्याण वेबसाइट https://esamajkalyan.gujarat.gov.in/ पर सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर ऑनलाइन करना होगा।
पालक माता-पिता की वार्षिक आय को प्रमाण के रूप में आवेदन पत्र के साथ शामिल किया जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में 27000 और शहरी क्षेत्र में 36,000 या अधिक, नियोक्ता का दाखिला आवेदन के साथ जमा करना होगा। पालक माता-पिता द्वारा लिए गए 03 से 06 वर्ष की आयु के बच्चों को आंगनबाड़ियों में प्रवेश दिया जाना है और 06 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को अनिवार्य स्कूली शिक्षा दी जानी है। साथ ही आवेदक के अभिभावक को स्कूल/संस्थान से एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि हर साल पढ़ाई चल रही है