भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए 5 सहकारी बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन प्रतिबंधों में पैसे निकासी पर रोक भी शामिल है। इन बैंकों पर प्रतिबंध 6 महीनों तक जारी रहेंगे।
बैंक के ग्राहक जहां बैंक में जमा अपना पैसा नहीं निकाल पाएंगे, वहीं ये बैंक आरबीआई की पूर्व अनुमति के बिना न तो किसी को नया कर्ज दे सकेंगे और न ही ऋण ले सकेंगे। इसके अलावा अपनी किसी संपत्ति का ट्रांसफर या निपटान भी नहीं कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि ये प्रतिबंध समीक्षाधीन है। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक आगे भी बैंकों के कामकाज की समीक्षा कर ही प्रतिबंध हटाने या बढ़ाने का निर्णय लेगा। अगर बैंकों की वित्तीय स्थिति में आरबीआई को सुधार नजर आएगा तो बैन हटा लिया जाएगा। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि इन बैंकों का लाइसेंस निरस्त नहीं किया गया है।
बैंकों पर प्रतिबंध जारी: RBI ने देश में बिगड़ते आर्थिक हालात को देखते हुए कुछ सहकारी बैंकों पर प्रतिबंध लगाए हैं। बताया जा रहा है कि बैंकों पर यह प्रतिबंध छह महीने तक जारी रहेगा और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा, इसलिए इन बैंकों के लेनदेन बंद रहेंगे। इन पांच बैंकों के ग्राहक अपने खाते में जमा पैसे नहीं निकाल सकेंगे। इसके अलावा, ये बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना किसी को भी नया ऋण देने या लेने में सक्षम नहीं होंगे। इसके अलावा कोई किसी भी पैसे का ट्रांसफर नहीं कर सकता है। आरबीआई ने प्रतिबंधित पांच बैंकों में से तीन पर आंशिक जमा प्रतिबंध और अन्य दो बैंकों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।
इन पर लगा प्रतिबंध
जिन पांच बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया, उनमें एचसीबीएल सहकारी बैंक लखनऊ (यूपी), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित औरंगाबाद (महाराष्ट्र), शिमशा सहकारी बैंक नियमिथा मद्दुर, (कर्नाटक) उरावकोंडा को-ऑपरेटिव टाउन बैंक, उरावकोंडा, (आंध्र प्रदेश) और शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र) शामिल है।