टीपीएफ द्वारा मेधावी छात्रों का और नये प्रोफेशनलस् का हुआ सम्मान
साहूकारपेट,चेन्नई। विद्यार्थी टेस्ट को जिन्दगी का हिस्सा माने। केयरफुल होकर पढ़ते रहे, डिप्रेशन में नहीं जायें, अपना हंड्रेड परसेंट (100%) दे। अपनी गलती को जानकर सुधारने की कोशिश करना वाला सदैव सक्सेसफुल होता है, सफलता की सीढ़ी पर आरोहण करता है। उपरोक्त विचार तेरापंथ प्रोफेशनल फॉर्म के तत्वावधान में आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह में साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने फरमाए ।
साध्वीश्री ने आगे कहा कि हर व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ना चाहता हैं। उसके लिए वह चल तो रहा है, लेकिन उसे कहां पहुंचना है? क्या उसका लक्ष्य है? उसका अगर निर्धारण नहीं किया, तब वह असफल हो सकता है। अतः हम लक्ष्य निर्धारण के साथ में आगे बढ़े। *कुछ असफलता के बावजूद भी लक्ष्य को परिवर्तन नहीं करें। हताश, निराश नहीं बने, तनाव में नहीं आए, अपने कॉन्फिडेंस को मजबूत रखें।कम नंबर लाने वाला भी अब्दुल कलाम बन सकता है। मजबूत इरादों के साथ आगे चलते हुए लक्ष्य को पा सकते हैं।
आई क्यू के साथ, इ क्यू भी बढ़ायें
साध्वीश्री ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि बच्चे अपने आई क्यू के साथ इ क्यू भी बढ़ाते रहें। इमोशनल टैलेंट को भी बढ़ाते रहे। व्यवहार कुशल बने, संवेदनशील बने, करुणाशील बने, अनुशासन प्रिय बने। अब्दुल कलाम कहते थे कि स्वप्न वे नहीं होते जो नींद में आए, स्वप्न वे होते हैं, जो पूरे ना हों तब तक नींद उड़ा दे।
*सफलता के लिए साधना जरूरी*
साध्वीश्रीजी ने विशेष रूप से कहा कि हम तेरापंथ धर्म संघ के अनुयायी हैं। मर्यादा और अनुशासन रूपी जन्म घुंटी को भूले नहीं। संघ और संघपति के प्रति, गुरु के प्रति सर्वात्मना समर्पित बने। शक्ति प्राप्त करने के लिए, सफलता के लिए साधना जरूरी है। नमस्कार महामंत्र और आचार्य भिक्षु हमारे सिक्योरिटी गार्ड हैं। इनका प्रतिदिन 13 मिनट जप-ध्यान करने से सुरक्षा कवच बन जाता है, हम जीवन में आनंदित रह सकते हैं।
साध्वी डॉ चैतन्यप्रभाजी, साध्वी डॉ राजुलप्रभाजी, टीपीएफ दक्षिणांचल अध्यक्ष दिनेश धोका इत्यादि ने भी छात्रों को ज्ञान के साथ प्रज्ञा जागरण एवं विवेक जागरण के लिए अध्यात्म को अपनाने की प्रेरणा दी। मंगलाचरण अरिहंत दुधोड़िया ने किया।
*विशेष योग्यता प्राप्त छात्रों को किया सम्मानित*
इस अवसर पर तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम द्वारा गत वर्ष विशेष योग्यता प्राप्त 85 छात्र-छात्राओं को आचार्य तुलसी गोल्ड मेडल, आचार्य महाप्रज्ञ गोल्ड मेडल, आचार्य महाश्रमण गोल्ड मेडल, टीपीएफ सिल्वर मेडल एवं टीपीएफ कांस्य मेडल प्रदान किये गए। सम्मान समारोह का संचालन सहमंत्री अरिहंत दुधोड़िया ने किया। नवीन प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने वालों का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया, उसका संचालन अक्षय मुणोत ने किया।
द्वितीय सत्र में टीपीएफ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ कमलेश नाहर ने विविध रूपों से नवीन टीपीएफ सदस्यों, मेधावी छात्रों एवं अभिभावकों को जीवन में सफल बनने के बिन्दू बतायें। खेल के साथ ज्ञानवर्धक जानकारियां दी। सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालन टीपीएफ अध्यक्ष राकेश खटेड़ ने किया। आभार ज्ञापन मंत्री अनिश चौरड़िया ने दिया। इस अवसर पर संघीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सभी ने टीपीएफ के इस कार्यक्रम संयोजना की सराहना करते हुए, आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की।