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मनुष्य जीवन को व्यर्थ ना गंवाएं – युगप्रधान आचार्य महाश्रमण

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– शांतिदूत के बड़ौदा प्रवास का द्वितीय दिवस

– पूज्य गुरुदेव ने दी अणुव्रतों को अपनाने की प्रेरणा
बड़ौदा ।भौतिक युग में जहा यातायात के इतने साधन अमूमन उपयोग में लिए जाते है, जहां इतने संसाधन है जो यात्रा को आरामदायक, सुविधा जनक बना देते है इसी सुलभताओं में भी अपनी कठोर साधु चर्या का पालन करने वाले परोपकार के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण पदयात्राओं द्वारा जनता को सदाचार, धार्मिक मूल्यों का संदेश दे रहे है। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण का आज वडोदरा में जंबुआ ब्रिज के निकट आइडियल स्कूल नमन हॉस्टल में प्रवास हेतु पदार्पण हुआ। कल पुज्यप्रवर नक्षत्र बैंक्वेट हॉल में विराजित थे जहां से लगभग 14 किमी विहार कर गुरुदेव का यहां पदार्पण हुआ। आचार्यश्री का दो दिवसीय प्रवास वडोदरा वासियों के लिए मानों आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह लेकर आया है। मार्ग में एक स्थान पर कई मजदूर आदि एकत्रित हो आचार्यवर के सम्मुख दर्शनार्थ उपस्थित हुए तो गुरुदेव ने उन्हें नैतिकता, सद्भावना एवं नशामुक्ति का संकल्प स्वीकार करवाया। भारतीय विद्या भवन विद्यालय के प्रांगन में शिक्षकों को भी शांतिदूत से प्रेरणा पाथेय प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हुआ। तत्पश्चात पूज्यवर प्रवास स्थल पर पधारे।

धर्मसभा में प्रवचन करते हुए आचार्य श्री ने कहा– चार प्रकार की गतियां बतलाई गई है– नरक, तीर्यंच, मनुष्य एवं देव। इन चार गतियों में सारे संसारी प्राणियों का समावेश हो जाता है। इसके अतिरिक्त मोक्ष है जहां सिद्ध अवस्थित होते है। हम अभी मनुष्य गति में हैं और मनुष्य गति ही ऐसी है जहां से मरकर प्राणी इन चार गतियों में जा सकता है व मोक्ष को भी प्राप्त कर सकता है। जहां जाने के बाद किसी प्रकार का जन्म–मरण नहीं होता। व्यक्ति चिंतन करे की इस मनुष्य जीवन को पाकर उसने क्या किया। मनुष्य का जीवन एक प्रकार की सम्पति है इसे यूं ही गंवाएं नहीं।

अणुव्रत अनुशास्ता ने आगे कहा कि इस मनुष्य जन्म का सदुपयोग कर इसे सार्थक बनाना चाहिए। मनुष्य जन्म रूपी संपत्ति को सुरक्षित रखे ही और साधना की दृष्टि से धर्म का अर्जन कर आगे बढ़ाते रहें। अणुव्रत जैसे छोटे–छोटे नियमों का पालन करते हुए जीवन में सद्भावना, नैतिकता व नशामुक्ति जैसे संस्कारों का समावेश करे तो जीवन अच्छा बन सकता है। व्यक्ति का व्यवहार, आचार अच्छा रहे। मनुष्य जीवन को सार्थक बनाकर व्यक्ति अपनी आत्मा का उन्नयन कर सकता है। 

तत्पश्चात इस अवसर पर बड़ौदा के स्टेंडिंग कमेटी चेयरमैन श्री हितेंद्र भाई पटेल ने आचार्य श्री के स्वागत में अपने विचार रखे। मध्यान्ह में नमन हॉस्टल के छात्रों को आचार्यश्री द्वारा प्रेरणा पाथेय प्राप्त हुआ। 

 

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