सूरत। शहर के पाल में श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल स्थित श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में युग दिवाकर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. 18 सितंबर को प्रवचन में जीवन की महत्ता बताते हुए कहा कि जीवन को दुर्लभ और क्षणिक मानना चाहिए। हमें जीवन की दुर्लभता को समझना चाहिए। अपना जीवन खुद के इच्छाओं के अनुसार कम और दूसरों को दिखाने के लिए ज्यादा होता है। संसार और अध्यात्म के क्षेत्र में अंतर है। संसार के क्षेत्र में जो अच्छा करता है उसे उपहार मिलता है और जो बुरा करता है उसे सजा मिलती है। और अध्यात्म के क्षेत्र में जो अच्छा सोचता है उसे उपहार मिलता है और जो बुरा सोचता है उसे सजा मिलती है। सोचना महत्वपूर्ण है। पाप हमेशा पहले विचार में आता है, फिर मन और काया में आता है। बडौदा से पधारे मेहमानों का श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल द्वारा का बहुमान किया गया। संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश मंडोवरा और युवा परिषद के अध्यक्ष मनोज देसाई ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि चैत्य परिपाटी का आयोजन गुरुवार 19 सितंबर को होगा। ये चैत्य परिपाटी कुशल कांति खरतरगच्छ जैन भवन से सुबह 5.30 बजे रवाना होगी और मकनजी पार्क होते हुए सहस्त्रफणा मंदिरजी गोपीपुरा एवं हरीपुरा दादावाड़ी जायेगी। वहां पर सुबह की नवकारसी का आयोजन होगा।