कपड़ा उद्योग के सामने बन सकती है एक और नई समस्या
अभी तक विदेशों से आयातित कुछ कपड़ा मशीनरी पर कोई आयात शुल्क नहीं लगता था। हालांकि, इस राहत को बढ़ाने की कोई घोषणा बजट में नहीं की गई है। इस लिए 1 अप्रैल से एयरजेट, रेपियर जैक्वार्ड और वॉटर जेट पर प्रति वस्तु 8.25 प्रतिशत का आयात शुल्क लागू होगा। जिससे उद्योगपतियों की बड़ी पूंजी खर्च होने का खतरा है। चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से वित्त मंत्री के सामने प्रेजेंटेशन दिया गया है।
कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा विदेशों से एयरजेट, वॉटरजेट और रेपियर जैक्वार्ड जैसी उन्नत मशीनरी के आयात पर कोई आयात शुल्क नहीं लगता है। यह राहत 31 मार्च को खत्म होगी। इस लिए 1 अप्रैल से जनसंसार संवाददाता यदि नई मशीनरी विदेशों से आयात की जाती है तो उस पर 7.5 प्रतिशत आयात शुल्क और 10 प्रतिशत अधिभार लगाया जाएगा, जो कुल 8.25 प्रतिशत शुल्क होगा। इस कारण उद्योगपतियों को ड्यूटी के तौर पर एक बड़ी राशि खर्च करनी होगी। टफ जैसी योजनाओं के बंद होने का खामियाजा कपड़ा उद्योग पहले से ही झेल रहा है। अगर आयात शुल्क भी चुकाने का समय आया तो कपड़ा उद्योग के लिए यह एक बड़ी समस्या खड़ी कर देगा। कपड़ा उद्योग के आधुनिकीकरण और व्यापार के विकास को ध्यान में रखते हुए चैंबर ऑफ कॉमर्स ने विदेशों से आयातित उन्नत कपड़ा मशीनरी पर शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है।