सूरत के सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में केमिकल रिसाइक्लिंग के नाम पर उगाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। कंपनी के मालिक से 5 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, जिसमें से आरोपियों ने 45 लाख रुपये वसूल भी लिए। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद जीपीसीबी (गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के सदस्य गणपतसिंह वाघेला सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सचिन जीआईडीसी में स्थित एक कंपनी पर आरोप था कि वह पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर केमिकल डिस्पोजल कर रही थी। इस मामले में जीपीसीबी के अधिकारियों ने कार्रवाई का डर दिखाकर कंपनी के मालिक से 5 करोड़ रुपये की मांग की। जब कंपनी मालिक ने इसका विरोध किया, तो उन्हें झूठे केमिकल रिसाइक्लिंग केस में फंसाने की धमकी दी गई।
डर के कारण कंपनी मालिक ने 45 लाख रुपये दे भी दिए, लेकिन बाद में उन्होंने इस मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच से कर दी। पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपी गणपतसिंह वाघेला और उनके साथियों को ट्रैप कर 45 लाख रुपये की उगाही का खुलासा किया।जीपीसीबी अधिकारी गणपतसिंह वाघेला और कुछ अन्य आरोपियों ने कंपनी के मालिक से रिश्वत मांगी।कंपनी को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई थी।
आरोपी अब तक 45 लाख रुपये वसूल चुके थे।पुलिस ने आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा और कानूनी कार्रवाई शुरू की।क्राइम ब्रांच अब इस पूरे घोटाले की गहराई से जांच कर रही है। इस मामले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है। जीपीसीबी के अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस का कहना है कि दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।