सूरत शहर के अड़ाजण क्षेत्र की निवासी आरती नायका ने एक प्रसिद्ध मेडिकल इन्स्टीट्युट में प्रवेश लिया एवं नियमानुसार अपना असल जन्म प्रमाणपत्र एवं 12वीं कक्षा की असल मार्कशीट जमा करवाई गई।
किसी कारणों से छात्रा ने मात्र 10 दिन में ही पढ़ाई छोड़ दी परंतु मेडिकल इन्स्टीट्युट द्वारा सरकार के नियम के विपरीत जाकर पुरे 2 साल की 40 हजार फीस भरकर अपने डॉक्युमेंट्स ले जाने को कहा गया।
छात्रा ने सूरत शहर के युवा समाज सेवक पवन हासीजा को इस बात की जानकारी दी।
पवन हासीजा स्वयं छात्रा के साथ जाकर उस इन्स्टीट्युट के ट्रस्टीगणों से मिले एवं उन्हें कायदा-कानुन की जानकारी दी जिससे तुरंत इन्स्टीट्युट द्वारा छात्रा को उसके ओरिजनल डॉक्युमेंट्स वापस दे दिए गए।
छात्रा एवं उसके परिवार द्वारा इस कार्य में मदद हेतु युवा समाज सेवक पवन हासीजा को आभार प्रकट किया गया।