--देवांग भलाला और उनकी माता शिल्पाबेन के खिलाफ कपड़ा खरीदी क्या धोखाधड़ी करने का आरोप, देवांग के खिलाफ अन्य आरोप भी होने से कोर्ट ने की अर्जी रद्द
सूरत। कापोद्रा थाने में दर्ज धोखाधड़ी के अपराध में आरोपी ने जेल से मुक्त होने के लिए की गई अर्जी को कोर्ट ने रद्द कर दिया। कारखानेदार के पास से 88.64 लाख रुपए का कपड़ा खरीद कर पेमेंट चुकता किए बगैर दुकान बंद कर धोखाधड़ी करने का आरोप है।
वकील पियूष मांगूकिया के अनुसार नाना वराछा के नंदनवन सोसाइटी मैं रहने वाले देवांग वीनू भलाला के खिलाफ कापोद्रा पुलिस में धोखाधड़ी का गुनाह दर्ज हुआ था। आरोपी देवांगन और उनकी माता शिल्पाबेन वणकर टेक्सटाइल मार्केट में कपड़े का व्यापार करते थे। फरियादी वृषभ बलर उनका बचपन का मित्र है। देवांग और शिल्पाबेन ने वृषभ के यहां से 1.44 करोड़ रुपए का कपड़ा मंगाया था। जिसमें से 56.22 लाख रुपए जमा कर दिया था। जबकि बाकी 88.64 लाख रुपए चुकता किए बगैर दुकान बंद कर दिया और धोखाधड़ी किया। पुलिस ने इस मामले में देवांग को गिरफ्तार किया है। ज्यूडिशल कस्टडी में रह रहे देवांग ने कोर्ट में अर्जी किया था। इसके खिलाफ फरियादी की तरफ से वकील पीयूष मांगूकिया और सरकार पक्ष के वकील अरविंद वसोया ने कहा कि आरोपी गुनाह है कि इतिहास वाला है। जिसको चेक रिटर्न के तीन केस में सजा हुई है। आरोपी ने सरथाना थाने में पैसा चुकता करने के लिए हामी भरा है। हाल में पुलिस की जांच नाजुक स्थिति में है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी देवांग की जमानत अर्जी को रद्द कर दिया