- 500 साल बाद 137 करोड़ के खर्च से पूरे परिसर का विकास कर बदली पावागढ़ की काया
- पावागढ़ मंदिर के शिखर पर कलश और ध्वजदंड को सोने से मढ़ा गया
गांधीनगर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार, 18 जून को पंचमहाल जिले के सुप्रसिद्ध तीर्थ धाम पावागढ़ की यात्रा पर पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री पूर्वाह्न 11.00 बजे पावागढ़ पहुंचेंगे। यहां शास्त्रोक्त विधि के अनुसार पूजा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों पावागढ़ मंदिर में ध्वजारोहण होगा। यह बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ध्वजारोहण के साथ पावागढ़ तीर्थ धाम का गौरवशाली इतिहास भी जुड़ा हुआ है। आइए, जानते हैं कि किस तरह इस पूरे कार्य को संपन्न कर इतिहास को बदलने वाले विकास यज्ञ को गति दी गई। पंद्रहवीं शताब्दी में पावागढ़ पर हमला होने के बाद गत पांच सदियों से मंदिर का शिखर जर्जरित अवस्था में था। अब इस शिखर को नए रंगरूप के साथ आधुनिक शैली में तैयार किया गया है। सर्वप्रथम पावागढ़ पहाड़ की चोटी को विशाल कर बड़े परिसर की बुनियाद रखी गई। उसके बाद परिसर की पहली और दूसरी मंजिल पर अनुषांगिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई। महाकाली माता के गर्भगृह में मूल स्थापन को यथावत रखते हुए संपूर्ण मंदिर को नया बनाया गया। इसके अतिरिक्त, मुख्य मंदिर और चौक को भी विशाल बनाया गया है। माताजी के पुराने मंदिर में शिखर के ठीक ऊपर बनी दरगाह को समझौते के जरिए हटाकर नया शिखर बनाया गया, जिस पर ध्वजदंडक को पुनःस्थापित किया गया है। अभी मंदिर में श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए विश्राम गृह, शुद्ध पेयजल, नए और सुविधा युक्त शौचालय के साथ ही स्ट्रीट लाइट की सुविधा खड़ी की गई है। इसके साथ ही मंदिर की पुरानी और उबड़-खाबड़ सीढ़ियों की स्थान पर बड़ी-चौड़ी और सुव्यवस्थित सीढ़ियों का निर्माण किया गया है। मांची से रोप-वे के अपर स्टेशन तक 2200 सीढ़ियों तथा अपर स्टेशन से दूधिया तालाब होकर माताजी के मंदिर तक 500 सीढ़ियों का नवनिर्माण किया गया है। उल्लेखनीय है कि मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से ट्रस्ट द्वारा संपन्न किया गया है। वहीं, मंदिर के अलावा समग्र परिसर के विकास कार्यों के लिए किए गए लगभग 125 करोड़ रुपए के खर्च में से 70 फीसदी गुजरात सरकार के पवित्र यात्राधाम बोर्ड की ओर से और 30 फीसदी खर्च ट्रस्ट की ओर से किया गया है। आगामी समय में यज्ञ शाला, दूधिया तालाब के पास बृहद भोजनशाला और श्रद्धालुओं-पर्यटकों के रात ठहरने के लिए भक्ति निवास सुविधा तथा छासिया तालाब के निकट से सीधे माताजी के मंदिर तक पहुंचाने वाली दो बड़ी लिफ्ट भी लगाई जाएगी। इसके साथ ही पावागढ़ पर्वत पर माताजी के मंदिर के समग्र परिसर की प्रदक्षिणा करने के लिए दूधिया और छासिया तालाब को जोड़ने वाला प्रदक्षिणा पथ तैयार किया जाएगा। मांची के पास अतिथि गृह और मल्टी लेवल पार्किंग का निर्माण किया जाएगा। आसपास के पर्वतों पर वन विभाग के सहयोग से बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने का आयोजन है।