सुरत। ए-टफ योजना बंद हो जाने की शुरू हुई बातों के बीच सरकार नई योजना जब तक लाती तब तक पुरानी योजना को चालू रखने के लिए उच्च स्तर पर मांग की जा चुकी है। जबकि ए-टफ योजना के बारे में कपड़ा उद्यमियों में काफी असमंजस का वातावरण बन गया है। जिसके कारण विदेशों से आयात में करोड़ों का निवेश करने वाले उद्यमी हाल में असमंजस में पड़ गए हैं। सरकार नई योजना में क्या और कब लाएगी? इस संदर्भ में अभी तक कोई स्पष्टता नहीं होने के कारण ए-टफ योजना चालू रखने के लिए एक अधिसूचना जारी करें और उद्योगों को डूबने से बचाने की मांग की जा रही है।
ए-टफ योजना अंतर्गत आयात होने वाली मशीनरी पर करीब 10 फीसदी सब्सिडी मिलती थी। इस सब्सिडी की बात की जाए तो बड़े उद्यमियों ने इसका सबसे अधिक लाभ लिया। जबकि इसकी तुलना में छोटे उद्यमियों को लाभ नहीं मिलता था। सूरत शहर के वीवर अग्रणी मयूर गोलवाला ने कहा कि भारत सरकार कपड़ा उद्योग को लेकर ज्यादा संवेदनशील नहीं है। सरकार पहले से ही कपड़ा उद्योग के लिए कारगर निर्णय ले चुकी है। इन सभी के बीच ए-टफ योजना के बारे में स्पष्टता नहीं करने से करोड़ों का निवेश करने वाले उद्यमी असमंजस में है। उन्होंने कहा कि सरकार कपड़ा उद्योग के लिए नई योजना नहीं लाने तक उद्यमियों का पूरा का पूरा निवेश होने का ध्यान रखकर योजना शुरू रखे, इसके बारे में स्पष्ट अधिसूचना जारी करना हाल के समय में जरूरी होने की मांग उद्यमियों की ओर से उठ रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ए-टफ योजना के बारे में तरह-तरह की हो रही चर्चाओं के बीच जो उद्यमी आपनी मशीनरी लगाने के लिए तैयारी कर रहे थे, वे इस समय रुक गए हैं। कपड़ा बुनाई उद्योग भी इस असमंजस को लेकर दुविधा में पड़ जाएगा तो कई मिलीयन डॉलर का कपड़ा निर्यात करने का जो सपना कपड़ा मंत्रालय कर रहा था वह कभी पूरा नहीं होने की आशंका की जा रही है।
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