आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी आज आचार्य महाश्रमणजी से करेंगे मुलाकात
सूरत। शहर के पाल स्थित श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन पाल में युग दिवाकर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. के निश्रा में चातुर्मास चल रहा है। मेहुल प्रभसागरजी ने प्रवचन में मंगलवार 12 नवंबर को कहा कि जिसने एक बार सम्यक दर्शन प्राप्त कर लिया उसका मोक्ष निश्चित है। सिद्धि की परिभाषा बताते हुए कहा कि जिसे हमने चाहा उसके पास जाकर हमें बैठना है। संसार में कितने भी साल नौकरी कर लें, कितना भी विश्वास कर लें। सुख की बात दु:ख की बात, परिवार की बात कितनी भी कर लें। आपका स्टेटस पहले दिन था वहीं रहेगा। लेकिन परमात्मा पर एक बार विश्वास करना है। जितनी आराधना करोंगे आपके मन में शुद्धि आएगी। हमारी आत्मा से कर्म हटेंगे तो हमारी आत्मा हल्की होगी। अज्ञान के चलते जब हम विलंब करते है तो हमारे जैसा पागल कोई हो नहीं सकता। विलंब कभी कभी अच्छा भी होता है। पाप के कार्यो में विलंब अच्छा है।
युग दिवाकर,खरतरगच्छाधिपति,प.पु. आचार्य प्रवर गुरुदेव श्री जिनमणिप्रभसुरीजी म.सा मंगलवार को ग्रीन वैली बिल्डिंग,कैपिटल ग्रीन के पास, कैनाल रोड,वेसु में पधारे।गुरु भक्तों ने सौमेया के साथ उनका स्वागत किया। नवकारशी एवं गौतम प्रसादी का लाभ श्रावक श्राविकाओं ने लाभ लिया। कार्यक्रम सम्पूर्ण लाभ विनोदकुमार,गौतम कुमार, पारसमल,सुरेशकुमार बोहरा परिवार (हालावाला) ने लिया। नरपत जैन ने बताया कि आज बुधवार को सुबह 10.30 बजे आचार्य श्री जिनमणिप्रभसुरीजी म.सा.संयम विहार में आचार्य श्री महाश्रमणजी से मुलाकात करेंगे।दो अलग अलग विचारधारों का ऐतिहासिक मिलन होगा।दो दिन वेसु में प्रवास के बाद आज शाम पाल पधारेंगे।वेसु में गुरु भक्त मांगीलाल मालू,गौतमकुमार हालावाला, बाबूलाल मालू चौहटन,सम्पत राज धारीवाल,सुरेश हालावाला,गौरव धारीवाल आदि के साथ बाहर गांवों से पधारे कई श्रावक उपस्थित रहे।जलतेदीप जोधपुर के सम्पादक पदम मेहता व विद्रोही आवाज़ के उप संपादक राजू तातेड़ ने गुरुदेव के दर्शन कर जलतेदीप व राजस्थानी भाषा की मैगजीन माणक भेँट कर मातृ भाषा राजस्थानी के प्रचार प्रसार, सरंक्षण
और प्रोत्साहन देने हेतु विशेष आशीर्वाद लिया।