संयम विहार वेसु एवं तेरापंथ भवन उधना में हुआ आयोजन
जैन संस्कृति परक आध्यात्मिक स्तोत्र द्वारा दर्शाई गई चोपड़ा पूजन की विधि
सूरत।जैन संस्कृति अहिंसा प्रेरक संस्कृति है। दैनिक जीवन चर्या में एवं लौकिक कार्यों में भी अहिंसा के संस्कार सुरक्षित रहे इस बात का जैन श्रावक ध्यान रखते हैं।
दीपावली यह भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान महावीर के निर्वाण उत्सव के साथ संबंधित है। व्यापारी बंधु इस पर्व पर आगामी वर्ष के लिए नए बही खातों का पूजन करते हैं।
तेरापंथ युवक परिषद सूरत के तत्वावधान में संयम विहार वेसु में एवं तेरापंथ युवक परिषद उधना के तत्वावधान में तेरापंथ भवन, उधना में जैन संस्कार विधि द्वारा चोपड़ा (बही- खाता) पूजन कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जैन संस्कार विधि के मुख्य राष्ट्रीय प्रशिक्षक श्री डालिमचंद जी नौलखा द्वारा दोनों स्थानों पर कार्यशाला का संचालन किया गया। श्री डालिमचंद जी नौलखा ने जैन संस्कार विधि के महत्व का प्रतिपादन करते हुए कहा कि जैन संस्कृति अति प्राचीन संस्कृति है। यह अहिंसा की संस्कृति है। जैन संस्कार विधि द्वारा आयोजित किसी कार्यक्रम में पूजन सामग्री में सचित्त वस्तुओं का प्रयोग नहीं किया जाता। दीपक भी प्रज्वलित नहीं किया जाता। क्योंकि दीप प्रज्वलन में भी तेजस्काय एवं वायुकाय के जीवों की हिंसा होती है। इसमें पर्यावरण शुद्धि का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। जल प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण न हो इस बात का भी ध्यान रखा जाता है। जैन संस्कार विधि लौकिक कार्यों में भी पाप कर्मों का बंधन ना हो इस संदर्भ में सदा जागृत रहने की प्रेरणा देती है।
संयम विहार, सूरत में मुख्य राष्ट्रीय प्रशिक्षक श्री डालिमचंद जी नौलखा के साथ ह्री संस्कारक श्री विजयकांत खटेड़, प्रकाश डाकलिया, अर्जुन मेडतवाल, गौतम बेदमुथा, बजरंग बैद, धर्मचंद श्याम सुखा, हिम्मत बम, विनीत श्यामसुखा, अमित चोपड़ा एवं सूरत के संस्कारों की पूरी टीम ने अपना सहयोग प्रदान किया। तेरापंथ युवक परिषद, सूरत के अध्यक्ष श्री अभिनंदन गादिया ने अपने विचार रखे।
इसी प्रकार तेरापंथ भवन उधना में आयोजित कार्यशाला में ह्री संस्कारक श्री अर्जुन मेड़तवाल, अनिल चंडालिया , दिनेंद्र चंडालिया , नेमीचंद कावड़िया, मिश्रीलाल नंगावत, महावीर संचेती, अनिल सिंघवी, सुनील चंडालिया , अनिल चोरड़िया,जसवंत डांगी , कमलेश डांगी, मनोज बाबेल, वैभव ढ़िलीवाल अभातेयूप से राष्ट्रीय संस्कारक प्रभारी मनीष मालू एवं उधना के संस्कारकों की पूरी टीम ने सहयोग किया। तेयूप. उधना के अध्यक्ष श्री गौतम आंचलिया ने अपने विचार रखे। संयोजन संस्कारक एवं उपाध्यक्ष अनिलजी सिंघवी ने किया।
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