दो दिवसीय संघशास्ता वर्षावास राष्ट्रीय अधिवेशन आज से
सूरत।शहर के पाल में श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल स्थित श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में मनितप्रभजी म.सा. ने गुरूवार 26 सितंबर को प्रवचन में कहा कि जीवन की पद्धति को बदलने वाला उत्तराध्ययन सूत्र है। अविद्वान जो पुरूष है, वह केवल दु:ख को ही पैदा करता है। संसार में बार बार लुप्त होते है, संसार के सागर में डूबते है। अविद्या का अर्थ है एक अज्ञानता और एक है परमात्मा के दर्शन के प्रति अश्रद्धा का भाव। जीवन की यात्रा में जितना सामान कम उतनी यात्रा सुलभ होगी। हमें दृष्टिकोन सुधारना होगा। हमारी इच्छाए विलासिता वाली है। हम जीवन निर्वाह के लिए नहीं जीते, हम जीवन के विलास के लिए जीते है। इच्छाएं आकाश के समान है, जितने भागते है, उतनी आगे भागती है। जीवन का निर्माण करो। मनितप्रभजी म.सा. ने कहा कि जब तक हमें सुविधा और विलास का फरक समझ नहीं आएगा, तब तक परमात्मा के शासन को पा भी नहीं सकते। वासना, कामनाओं का संसार है। श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ द्वारा मुंबई खरतरगच्छ जैन संघ सहित मुंबई, अक्कलकुवा, जयपुर, रायपुर, चेन्नई से पधारे श्रद्धालुओं का बहुमान किया गया। श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में युग दिवाकर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा की मंगल सन्निधि में नित नवीन आयोजनों के क्रम भी जारी है। श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में पाल में संघशास्ता वर्षावास राष्ट्रीय अधिवेशन अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद एवं अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद द्वारा आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी के पावन निश्रा में आज शुक्रवार 27 और 'शनिवार 28 सितंबर को होगा। जिसमें पूरे भारत भर से अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद एवं अखिल भारतीय खरतरगच्छ महिला परिषद से सदस्य शामिल होंगे।