पालघर।(योगेश राठौड़)आचार्य तुलसी मानवता के मसीहा थे,उन्होंने अणुव्रत का महनीय आयाम दिया व संयम सांप्रदायिक,सौहार्द एवं मैत्री का संदेश दिया। मानव मानव के प्रति सम्मान का भाव सभी धर्मो के प्रति सहिष्णुता का भाव पुष्ट होना चाहिए। उन्होंने नारी को रुढ़िवाद से बाहर निकालकर उनके भीतर छिपी हुई प्रतिभा का उजागर किया। इसलिए आज नारी हर क्षेत्र में प्रगति कर रही है। उन्होंने अपने आचार्य पद का विसर्जन कर मुनि नथमल को आचार्य महाप्रज्ञ के रूप में घोषित कर नए इतिहास का सृजन किया। आज हम आचार्य तुलसी के पदाभिषेक दिवस को विकास महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। यह आचार्य महाप्रज्ञ जी का संघर्ष को उपहार है। उपरोक्त विचार पालघर तेरापंथ भवन में साध्वी श्री डॉ. पीयुष प्रभाजी ने व्यक्त किये। साध्वी भावनाश्री जी ने व्यक्तत्व व साध्वी सुधाकुमारी जी ने गीत द्वारा श्रद्धा समर्पित की। कन्या मंडल ने मंगलाचरण किया।सभाध्यक्ष चतुर तलेसरा ने स्वागत व्यक्तत्व किया।
पालघर जिला के रिपाई अध्यक्ष सुरेश जाधव,नगरसेविका अल्का राजपुत,जयप्रकाश म्हात्रे,छबिलाल गायकवाड़, समाज सेविका शुभांगी हजारी आदि की गरिमामयी उपस्थिति रही। बोईसर से समागत महासभा कार्यकारिणी सदस्य दिलीप राठोड़,पंकज श्रीश्रीमाल ने गीतिका की प्रस्तुति दी। स्थानकवासी अध्यक्ष हिम्मतमल परमार,भगवानलाल सिंघवी आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन साध्वी श्री दीप्तियशा जी ने किया। अतिथियों का स्वागत संयोजन राकेश श्रीश्रीमाल ने किया।