पालघर में संवत्सरी महापर्व का भव्य आयोजन*
पालघर।(योगेश राठौड़) पर्युषण महापर्व की आराधना पालघर तेरापंथ भवन में डॉ. साध्वी श्री पीयूषप्रभाजी की सन्निधि में हो रही है।, संवत्सरी पर्युषण महापर्व का चरम दिवस है।, आज के महनीय कार्यक्रम का आगाज डॉ. साधी श्री पीयूष प्रभाजी ने नमस्कार महामंत्रोच्चार से किया। मंगलाचरण पालघर तेरापंथ महिला मंडल ने किया। संवत्सरी के महत्त्व को दर्शाते हुए साध्वी श्रीजी ने कहा 'संवत्सरी जैनों का महापर्व है। रास-रंग, आमोद-प्रमोद से कोसों दूर पूर्णतः आध्यात्मिक पर्व है संवत्सरी । भीतर की ग्रंथियों को खोलने का पर्व है सिद्धि पर्व है। स्वयं की आत्म समीक्षा करने का पर्व है। यह यह पर्व आतम - निरिक्षण, आत्मावलोकन और सिंहावलोकन का पर्व है। अपने भीतर झांककर स्वयं का शोधन करना, दोषों की आलोचना करने का माध्यम हे प्रतिक्रमण। सायंकालीन प्रतिक्रमण कर वर्ष भर के दोषों से प्रायश्चित करना है। संसार के प्रत्येक जीव से समत खामणा कर मैत्री का संदेश देता है यह पर्व आत्म-स्नान कर अपनी आत्मा को स्वच्छ निर्मल करना है।
साथ ही साध्वीश्रीजी ने भगवान महावीर के जीवन चरित्र व उनके द्वारा प्रदत्त संदेशो को जान जान तक पहुचाया। साध्वीश्री जी ने तेरापंथ के आचार्य परम्परा का बहुत सुन्दर वर्णन किया, साध्वीश्री भावनाश्रीजी ने उत्तराध्ययन से केशी-गौतम के अध्ययन का वाचन किया धर्म के प्रभावक आचार्यों का वर्णन किया। साध्वी श्री दीप्ति यशा जी ने आगमिक उपदेन दिया व आचार्य सुधर्मा से लेकर भद्रबाहु तक भगवान महावीर की पट्टावली का वर्णन किया ।सैकड़ों श्रावकों ने व बच्चों ने उपवास का प्रत्याख्यान किया, पौषध की आराधना की । कई भाई-बहनों ने अट्ठाई का प्रत्याख्यान किया। 'सायंकालीन प्रतिक्रमण कर चौरासी लाख जीव योनी से क्षमायाचना व कृत दोषों की आलोचना की गयी।
पालघर केलवेरोड़ व मनोर का श्रावक समाज उपस्थित रहे। आज के इस कार्यक्रम पालघर के पूर्व सांसद श्री. राजेन्द्रजी गावित उपस्थित होकर श्रावक समाज से क्षमायाचना की व पर्युषण पर्व की शुभकामना प्रेषित की। समाचार प्रदाता मीडिया प्रभारी योगेश राठोड़।