सूरत। सूरत में जीएसटी से संबंधित कोई भी काम करना हो तो रिश्वत देनी होती है। यह आरोप सीए एसोसिएशन ने लगाया है। सीए एसोसिएशन ने इस संदर्भ में कमिश्नर एसजीएसटी, गुजरात राज्य वित्त मंत्री और सीबीएसआई के अध्यक्ष को पत्र लिखा है कि सूरत में एसजीएसटी में रिश्वत के सिवाय कोई काम नहीं किया जाता। सूरत सीए एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि जीएसटी का काम करने के लिए संबंधित कर्मचारी या अधिकारी को रिश्वत देनी होती है, अन्यथा समय बिताकर व्यापारी को हैरान परेशान किया जाता है। सीए एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन के लिए 3000 रुपए रिश्वत मांगी जाती है, जबकि असेसमेंट के लिए 15000 रुपए रिश्वत की मांग की जाती है। व्यापारियों के रिफंड के लिए डेढ़ प्रतिशत कमीशन मांगा जाता है। यदि यह रिश्वत नहीं दी जाती है तो समय पर काम नहीं होता। फाइलों को ज्यों का त्यों रख दिया जाता है। जिसके कारण व्यापारी परेशान होते हैं और विवस होकर उनको रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जीएसटी का काम बगैर रिश्वत के हो, इस तरह की कोई व्यवस्था होनी चाहिए और रिश्वत लेने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कदम उठाने के लिए सीए एसोसिएशन ने वित्त राज्य मंत्री, एसजीएसटी कमिश्नर और सीबीएसआई के चेयरमैन को पत्र लिखा है।
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