मुमुक्षु मुस्कान धारीवाल की दीक्षा व स्व द्रव्य से निर्मित जिन मंदिर की प्रतिष्ठा व उपाश्रय का मुहर्त प्रदान किया
सूरत। शहर के पाल में श्री कुशल कांति खरतरगच्छ जैन श्री संघ पाल स्थित श्री कुशल कांति खरतरगच्छ भवन में युग दिवाकर खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. ने रविवार 15 सितंबर को प्रवचन में कहा कि हम भले ही दान, शील, तपश्चर्या का पालन कर ले, लेकिन हमारे अंतर में क्षमापना नहीं होगी तो मोक्ष बहुत दूर है। क्षमापना का अर्थ होता है अपने अंतर को, अपने अंतर के संपुर्ण अस्तित्व के साथ अच्छे से अपने अंतर को समझना। उसमें किसी भी प्रकार के बाहर के विकार को प्रवेश होने नहीं देना। बाहर के विहार का प्रवेश अपने अंतर को दूषित करता है। आज रविवार 15 सितंबर को सुबह 8 बजे गाजते वाजते शा शान्तिलाल जी हरीशकुमार विकासकुमार लुणिया परिवार शेरगढ़, सूरत के निवास स्थान राजहंस एलिटा के मुख्य गेट पर गुरुदेव श्री का भव्य सामैया हुआ। वहां से गाजे बाजे के साथ 9 बजे श्री संघशास्तापुरम नगरी में प्रवचन मंडप में पधारें। जहां मासक्षमण और उपर के सभी तपस्वियों एवं महामंगलकारी सिद्धितप के समस्त तपस्वियों को सोने की चेन पहनाकर बहुमान किया गया। रविवार को समाज के सभी महानुभावों और मेहमानों के साथ साथ आमंत्रित बाड़मेर जैन श्री संघ पर्वत पाटीया, श्री शीतलवाड़ी जैन श्री संघ,वेसु खरतरगच्छ जैन संघ आदि संघों का सामुहिक क्षमापना समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में संघ को निश्रा प्रदाता पूज्य गुरुदेव श्री आदि साधु साध्वी वृंद के साथ साथ पर्वत पाटीया में बिराजमान प.पू. श्री डॉ निलांजनाश्रीजी म सा आदि ठाणा एवं शीतलवाड़ी बिराजमान प.पू.श्री मधुरिमाश्रीजी म सा आदि ठाणा का सानिध्य प्राप्त हुआ। बाड़मेर जैन श्री संघ पर्वत पाटीया का आगमन, श्री शीतलवाड़ी जैन संघ का आगमन हुआ।
मुमुक्षु मुस्कान धारीवाल के दीक्षा मुहूर्त की उदघोषणा की गई। चौहटन निवासी शा नितेशकुमारजी, रमेशकुमारजी,जेठमलजी सेठिया परिवार को स्व द्रव्य से निर्मित जिन मंदिर की प्रतिष्ठा व उपाश्रय और पाठशाला के उदघाटन के मुहुर्त वैशाख वद 6 दिनांक 25.04.2025 की उदघोषणा की गई।