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पाल में दो मुमुक्षु भाइयों की भागवती दीक्षा,संसारी सुख छोड़ संयम मार्ग की ओर

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खरतर गच्छाधिपति आचार्य श्री जिन मणिप्रभसागरजी मुमुक्षुओं को रजोहरण प्रदान कर दी दीक्षा

मुमुक्षु भरत गांधी मुनि मुखरप्रभ,मुमुक्षु जैनम संचेती मुनि मधुर प्रभ बने

खरतरगच्छाधिपति आचार्य के करकमलों से ऐतिहासिक 150 वी दीक्षा प्रदान की गई।

सूरत।डायमंड सिटी,सिल्क सीटी और धार्मिक नगरी सूरत के
पाल क्षेत्र में स्थित नवनिर्मित नूतन भवन कुशल कांति खरतरगच्छ जैन भवन परिसर में बने सुधर्म प्रवचन पुरम मंडप में
 प.पु.गुरुदेव युग दिवाकर, अवन्ति तीर्थोद्वारक खरतरगच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्री जिन मणिप्रभसागरजी म.सा.की निश्रा में दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया गया।गुरुदेव के वरदहस्ते दो मुमुक्षुओं का रजोहरण प्रदान कर दीक्षा प्रदान की गई।इस मौके पर उन्होंने सांसारिक वस्तुओं का त्यागकर साधु वेश धारण किया और वैराग्य के पथ के लिए गुरु ने उन्हें नया नाम दिया। इस घड़ी का साक्षी बनने के लिए देशभर के समाजजन एकत्रित हुए।
दीक्षा प्राप्त करने के बाद आचार्य भगवंत ने मुमुक्षु भरत गांधी चितलवाना निवासी का मुनि मुखरप्रभ सागर व मुमुक्षु जैनम संचेती को मुनि मधुरप्रभ सागर के नाम से नामकरण किया है।दोनो मुमुक्षुओं को शुभ मुहूर्त में प्रवज्या दीक्षा कर गच्छ के स्वर्णिम युग को पुनः जीवंत करने का प्रबल पुरुषार्थ गुरुदेव ने किया। गच्छ में आचार्य भगवंत द्वारा ऐतिहासिक 150 दीक्षा प्रदान की गई है।
समाज के श्रावक दिलीप भंडारी ने बताया कि गच्छाधिपति के करकमलों से  सूरत शहर के पाल विस्तार में स्थित नूतन भवन कुशल कांति खरतरगच्छ जैन भवन का उद्घाटन दिनांक 15.07.2024 को हुआ और दिनांक 16.07.2024 को गच्छाधिपति ने अपनी धवलसेना के साथ चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया।गच्छाधिपति आचार्य श्री जिन मणिप्रभसागरजी सूरीजी और जिन मनोज्ञ सूरीजी की  13 साल पहले दी गई प्रेरणा से सूरत प्रवासी 58 ट्रस्टियों के योगदान से पाल में गगनचुम्बी खतरगच्छ भवन का निर्माण किया गया है।गच्छाधिपति के करकमलों से उद्घाटन के बाद नवीन भवन में चातुर्मास मंगल प्रवेश और शुक्रवार को दो मुमुक्षुओं की भागवती दीक्षा के ऐतिहासिक कार्य शुभ मुहर्त में सम्पन्न हुवे है।सूरत शहर की धर्मधरा पर इस वर्ष बड़े बड़े आचार्य गुरु भगवंतों के चातुर्मास है।धर्म नगरी धर्म आराधना में लीन है।ऐसे में
गच्छाधिपति के द्वारा गच्छ की उन्नति में सूरत चातुर्मास ऐतिहासिक बनेगा।श्रावक हरीश लूनिया ने बताया कि
त्रिदिवसीय दीक्षा महोत्सव  में दिनांक 19 जुलाई को सांसारिक मोह माया को छोड़कर संयम और मोक्ष के मार्ग पर जा रहे दो परिवारों के लाडलो ने जब दीक्षा ली तो उनके स्वजनों की आंखें छलक उठीं। स्वजनों को परिवार से बिछड़ने का गम था लेकिन धर्म मार्ग पर चलकर मोक्ष मार्ग की ओर जाने की खुशी थीं। दोनों दीक्षार्थियों के दीक्षा समारोह के संपन्न होने पर चारों ओर खुशियां ही खुशियां बिखरी। भक्ति गीतों में जैन समाज के हजारों श्रद्धालु झूम उठे। यह नजारा नवनिर्मित कांति खतरगच्छ जैन भवन के परिसर में बने पावन पंडाल सुधर्म प्रवचन पुरम मंडप में हुए दीक्षा समारोह में दिखाई दिया। सुबह से प्रारंभ हुआ समारोह दोपहर तक चलता रहा। इस दौरान सांसारिक वेशभूषा त्यागने, केश लोंचन करने, केसर, कुमकुम का छांटा देने समेत विविध संस्कार संपन्न हुए।
संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश मंडोवरा ,खतरगच्छ युवा परिषद के अध्यक्ष मनोज देसाई तथा महिला परिषद की महिलाओं ने पूर्ण समर्पित सहयोग से प्रोग्राम में चार चांद लगा दिए।
उल्लेखनीय है कि शेरगढ़ सांचोर पट्टी के 17 गांवों के
पाल संघ में खरतरगच्छाधिपति का ये प्रथम चातुर्मास है।जहां गच्छाधिपति समेत 17 चरित्रात्मा चातुर्मास करेंगे। चातुर्मास में धर्म ध्यान,त्याग तपस्या की झड़ी लगने वाली है।

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