सूरत।फरार चल रहे कुख्यात आरोपियों पर नकेल डालने के विशेष अभियान में जुटी क्रांइम ब्रांच ने पिछले दिनों ऑपरेशन घोस्ट के तहत बिहार के नक्सल प्रभावित इलाके से माफिया प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था। वहीं जान जोखिम में डाल कर सूरत ग्रामीण से चिकलीगर गैंग को दबोचा था।
इन दोनों ऑपरेशनों को अंजाम देने वाली क्राइम ब्रांच की टीमों के सुरत दौरे पर आए गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने सराहना की रविवार को उन्होंने सर्किट
हाउस में क्राइम ब्रांच की टीमो से मुलाकात की।पुलिस आयुक्त से लेकर कांस्टेबल तक इस कार्यवाही में जुटे सभी पुलिसकर्मियों से आरोपियों की डिटेल जानी।मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की ओर से टीम का अभिनन्दन किया।सरकार की और से ऑपरेशन घोस्ट के लिए दो लाख व चिकलेगर गैंग के लिए एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की।पुलिस कर्मियों को ऑपरेशन को गुप्त रखने के लिए अपने परिजनों से भी जानकारी छुपाई औऱ इसे अंजाम दिया।
छः वर्षो से फरार चल रहे माफिया परवीन राउत को पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने कड़ी मेहनत की।चार हत्याओं,लूट ,रंगदारी समेत एक दर्जन से अधिक मामलों में लिप्त प्रवीण की पुलिस के पास न उसकी ताजा तस्वीर थी न ही उसके ठिकानो की पुख्ता जानकारी थी।तकनीकी सर्वेलन्स टीम ने उसे बिहार के नालंदा जिले के नक्सल
प्रभावित गांव मे ट्रेस किया।वहां उसके तकड़े नेटवर्क को ध्यान में रख पुलिस टीम ने वेश बदलकर फल बेचे और फिर उसकी रेकी की और आखिरकार मौका देख कर उसे दबोच लिया।
बंद घरों में चोरी, लूट, हत्या व पुलिस हमले के मामलों में लिए चिकलीगर गैंग के दो जनों पकड़ने के लिए की दूसरी टीम ने भी कड़ी मेहनत की। पुलिस ने टीम ने उनका को ट्रेस कर लोकेशन जानने के लिए करीब 600 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और उसके मूवमेंट की रेकी की।उसके बाद सूरत ग्रामीण में दस्तान फाटक के पास सड़क पर बुलडोजर लगाकर नाकाबंदी की।घिर जाने के बाद भी उन्होंने कर से भागने का प्रयास किया तो पुकिस कर्मियों ने कार को घेरकर डंडे बरसाए और फिर उन्हें दबोच लिया गया।