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महावीर इंटरनेशनल के रूप में 47 वर्ष पूर्व आज ही के दिन रौपा गया था एक पौधा, अब सेवा-भावना का लहलहाता वट वृक्ष

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लेखक-गणपत भंसाली
4 जुलाई 1975 को अतार्थ 47 वर्ष पूर्व राजस्थान की राजधानी व गुलाबी सिटी के नाम से प्रख्यात जयपुर शहर में आज ही के दिन एक पौधा रौपा गया था निस्वार्थ सेवा भावना का, प्राणी मात्र के प्रति करुणा का, पीड़ित मानवता के दुःख-दर्दों को हरने के प्रयासों का, "सबको प्यार" "सबकी सेवा" व "जिओ और जीने दो" के निर्मल भावों का। आज 47 सालों के पश्चात यह पौधा अब एक लहलहाते व हरे-भरे वट वृक्ष के रूप में विकसित होकर प्राणी मात्र को सेवा, प्रेम, बन्धुत्व, मानवीयता रूपी शीतल छाया प्रदान कर रहा हैं । यह वट वृक्ष हैं सेवा के निस्वार्थ संकल्प का, जो महावीर इंटरनेशनल के रूप में भारत के नगर-नगर, डगर-डगर, कस्बों, गांवों शहरों, महानगरों में 300 से ज्यादा सक्रिय शाखाओं के रूप में विद्यमान हैं। इस सेवाभावी संगठन से जुड़े हजारों-हजारों वीर-विराएं पूर्ण लग्न एंव निष्ठा से, तन-मन एंव धन से एंव पूर्ण समर्पित भाव से प्राणी मात्र की सेवा में जुटे हुए हैं। हर वीर व वीरा के लिए महावीर इंटरनेशनल एक क्लब नही हैं, ये सेवा के पवित्र व्रत का एक सेतु हैं। इस संगठन से जुड़े तमाम वीर-विराएं पूर्ण भारतीय संस्कारों एंव संस्कॄति के अनुरूप सेवा को एक व्रत, धर्म, कर्तव्य एंव दायित्व मानते हैं, तथा नाम, यश, कीर्ति से पर रहते हुए उसे पूर्ण करते हैं  विगत 47 वर्षों में महावीर इंटरनेशनल के बेनर तले हजारों-हजारों मेडिकल केम्प आयोजित किए गए जहां लाखों ज़रूरतमन्द योग्य एंव दक्ष डॉक्टरों के निर्देशन में अपना स्वास्थ्य दुरस्त रख पाए। लाखों नवजात शिशुओं के लिए बेबी किट प्रदान किए गए। अगिनित एम्बुलेंसे संचालित की गई। गरीबों, जरूरतमन्दों, पीड़ितों को समय-समय पर खाध्य सामग्री, स्कूली छात्रों को पाठन-पठन सामग्री, स्कुल यूनिफॉर्म, स्कूली फ़ीस आदि प्रदान कराने में महावीर इंटरनेशनल से जुड़े वीर-वीरा योगभूत बने  बरोड़ा आदि अनेक MI केंद्रों में तो शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक एंव स्थाई गतिविधियाँ संचालित हैं, जिसमें प्रति वर्ष करोड़ों के बजट का प्रावधान हैं। दिल्ली आदि अनेकों केंद्रों पर MI तकरीबन आधा दर्जन हॉस्पिटलों का कुशलता पूर्वक सफल संचालन कर रही हैं। सूरत के MI केंद्र द्वारा सेरीबल्स पाल्सी जैसे गम्भीर रोग हेतु स्थाई उपचार केंद्र विकसित किया गया हैं, तथा आदिवासी विस्तारों में जंगल केम्प के माध्यम से आदिवासियों के दर पर पहुंच कर वस्त्र, राशन, भोजन वितरण के अलावा मेडिकल शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। सूरत के महावीर इंटरनेशनल मॉडल टाउन द्वारा प्रति सप्ताह सिम्मेर हॉस्पिटल प्रांगण में अनुकम्पा प्रसादी के माध्यम से मरीजों को अल्पहार कराया जाता हैं। कुष्ट रोग निवारण में भरूच शाखा के प्रयास सराहनीय हैं। उज्जैन शाखा द्वारा मात्र 10 रु में सात्विक एवं शुद्ध भोजन उपलब्ध कराया जा रहा हैं। चेन्नई मेट्रों केंद्र ने पिछले 18 वर्षों में 2000 से ज्यादा मेडिकल केम्प आयोजित कर सेवा भावना का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया हैं। बालाघाट शाखा तो आदिवासियों की सेवा की पर्याय बन चुकी हैं। विराओं के प्रयास से 'वात्सल्य'  योजना के अंतर्गत देश भर में लड़कियों व महिलाओं को बड़े पैमाने पर सैनेटरी नेपकिन वितरित किए जाते हैं। रीजन-8 के अंतर्गत महावीर इंटरनेशनल मुम्बई बड़े पैमाने पर रक्तदान शिविरों का आयोजन कर अनुकरणीय भूमिका निभा रहा हैं। देश भर के ऐसे अगिनित केंद्र है जो सेवा के प्रतीक बने हुए हैं। कोरोना काल मे देश भर में महावीर इंटरनेशनल के वीर-विराओं द्वारा तन, मन व धन तथा समर्पण भाव से जो सेवाएं प्रदान की गई जिसकी सराहना देश भर में हो रही हैं, भोजन, राशन, दवाइयां आदि वितरण कर मानवीय प्रयास किए गए। कोरोना काल मे ऑक्सीजन की असीमित कमी बनी हुई थी तो ऐसे विकट दौर में MI द्वारा देश भर में सैकड़ों ऑक्सीजन कॉन्स्ट्रेस्टर उपलब्ध कराए गए। बाढ़, बारिश, अनावृष्टि, अकाल, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदा के समय MI के वीर विराएं सजग सिपाहियों की भांति सेवा कार्यों में जुट जाते हैं, भले ही लातूर-किल्लारी का विनाशकारी भूकम्प हो या कच्छ-भुज का प्रलयकारी भूकम्प। यहां तक पड़ोसी देश पर आई भूकम्प रूपी त्रासदी हो, सर्वत्र MI के वीर-विराएं अविलम्ब सेवा कार्यों में जुट गए। कच्छ-भुज के भूकम्प पीड़ित विस्तारों में MI द्वारा अनेक पक्के व स्थाई आवास निर्मित कर पीड़ितों को सौंपे। कुछ वर्षों पूर्व पड़ोसी देश नेपाल में आए भूकम्प के दौरान MI के वीर-विराएं बिना विलम्ब किए पीड़ितों के दुःख-दर्द से रूबरू होने पहुंच गए और सेवा कार्यों में हाथ बंटाने में जुट गए, नेपाल के भूकम्प पीड़ितों को कुछ ही दिनों में अस्थाई आशियाना हेतु कुटीर बना कर सुपुर्द कर दिए। एक दृष्टि से महावीर इंटरनेशनल इन 47 वर्षों में सेवा का एक पर्याय ही बन गया। यह संगठन सात्विक विचार शेली के अनुरूप एंव पूर्ण भारतीय संस्कॄति के तहत संचालित हैं। इस संगठन से प्रत्येक जाति,धर्म मजहब व सम्प्रदाय के सेवा भावी व्यक्ति सहर्ष जुड़ सकते हैं, और भगवान महावीर के आदर्शों के तहत प्राणी मात्र की सेवा में योगभूत बन सकते हैं। वर्ष 2022 के कार्यकाल में सीकर-झुंझनु जोन में जोन चेयरमैन वीर श्री श्याम सुंदर जालान आदि वीरों के प्रयासों से 2 जुलाई 2022 को एक ही दिन में 11 नए सेंटरों का आगाज हुआ जो संगठन की स्थापना से लेकर आज तक का एक अनूठा रिकॉर्ड बना है।  MI के सेवा व्रती परिवार में सभी का स्वागत हैं। आएं और जुड़े अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर श्री एस के जैन एंव महामन्त्री वीर श्री अनिल जैन तथा विभिन्न पदाधिकारियों के कुशल नेतृत्व में संचालित इस परिवार से और तय करें सेवा की नई मंजिल। व लिखें सेवा का नया अध्याय....

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