अभियोजन पक्ष कोर्ट में लेनदारी साबित करने में विफल रहा
सूरत। माल खरीदी को लेकर हुए विवाद में थाने में पुलिस की हाजिरी में समझौते के तौर पर सिक्योरिटी के तहत दिए चेक बैंक से रिटर्न होने के मामले में कोर्ट ने आरोपी कपड़ा व्यापारी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इस मामले में +
अभियोजन पक्ष लेनदारी साबित करने में विफल रहा। बचाव पक्ष के अधिवक्ता विरल मेहता ने बताया कि आरोपी जीवाराम रूमाराम गेहलोत ने कपड़ा व्यापारी उगमराज चंदनमल बालर से माल खरीदा था। माल खराब निकलने पर जीवाराम ने पेमेंट नहीं चुकाया था, जिससे उगमराज ने जीवाराम के खिलाफ पुलिस में अर्जी की थी। अर्जी को लेकर जांच कर रही पुलिस के समक्ष दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया था और उस समय जीवाराम ने सिक्योरिटी के तौर पर चेक लिखकर दिए थे। बाद में
चेक रिटर्न होने को लेकर उगमराज ने जीवाराम के खिलाफ कोर्ट में चेक रिटर्न की शिकायत की थी। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि चेक सिक्योरिटी के तौर पर दिए गए थे, जबकि वे खराब माल पार्टी को लौटा चुका थे, इसके बावजूद चेक बैंक में जमा करवाकर चेक का दुरुपयोग किया गया है। अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को निर्दोष छोड़ने का हुक्म सुनाया।