फर्म का मालिक कौन यह कोर्ट में साबित नहीं कर पाया अभियोजन पक्ष
- सूरत. चेक रिटर्न के एक मामले की सुनवाई के दौरान उधार में माल खरीदने वाली फर्म का मालिक कौन है यह अभियोजन पक्ष कोर्ट में साबित करने में विफल रहा। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को निर्दोष छोड़ दिया।
वड़ोदरा के पादरा की एक कंपनी के डायरेक्टर पराग जैन की से पांडेसरा की अंजनी ट्रेडर्स के धवलगिरी गोस्वामी ने 83,750 रुपए के चावल खरीदे थे और चार चेक लिखकर दिए थे। चेक बैंक में जमा कराने पर रिटर्न हो गए थे और मामला कोर्ट में पहुंचा था। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अश्विन जोगडिया ने पेश होकर दलीलें पेश की और कहा कि जिस फर्म को अभियोजन पक्ष ने माल बेचा है उस फर्म का मालिक उनका मुवक्किल है हि नहीं। अभियोजन पक्ष की फर्म के मालिक को लेकर सबूत पेश करने में विफल रहा। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाया।