अहमदाबाद | गुजरात हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है| हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसमें उन्होंने ‘मोदी सरनेम’ वाली टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की है| हाईकोर्ट के न्यायधीश हेमंत प्रच्छक ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को अंतरिम जमानत देने से भी इंकार कर दिया और कहा कि छुट्टियों के बाद वह अपना फैसला सुनाएंगे| बता दें कि मोदी सरनेम के मामले में सूरत की सत्र अदालत ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था| जिसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग करती याचिका दाखिल की थी| गत 26 अप्रैल को हाईकोर्ट की न्यायधीश गीता गोपी के समक्ष मामले पर त्वरित सुनवाई की मांग की थी| लेकिन न्यायधीश गीता गोपी ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था| इसके बाद मामला न्यायधीश हेमंत प्रच्छक को सौंपा गया था| हाईकोर्ट में राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि डिमेमेशन केस गंभीर मामला है या जमानत योग्य गुनाह यह चर्चा का विषय है| राहुल गांधी के खिलाफ कोई गंभीर अपराध नहीं है जिसमें उन्हें जमानत ना दी जा सके| राहुल गांधी के खिलाफ कोई एन्टी सोशिल एक्टिविटी का भी आरोप नहीं है| सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि लोकसभा की अवधि पूर्ण होने को है और आगामी समय में चुनाव होने वाले हैं| अगर राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो उन्हें काफी नुकसान होगा| राहुल गांधी कई समितियों के सदस्य हैं और सजा पर रोक नहीं लगने की स्थिति में वह किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे तथा जनता की आवाज को न्याय नहीं दिला पाएंगे| दूसरी ओर पूर्णेश मोदी के वकील नाणावटी ने दलील दी कि कोर्ट को अपराध की गंभीरता, पीड़ित और ज्यादातर समाज पर उसकी क्या असर हो सकती है, उसका संज्ञान लेना चाहिए| जिसे दोषी करार दिया गया है उसे 2 वर्ष की सजा देना और बतौर संसद सदस्य अयोग्य ठहराया जाना अपराध की गंभीरता दर्शाता है| अब देखना होगा गुजरात हाईकोर्ट राहुल गांधी को राहत देती है या उनकी सजा बरकरार रखती है| गौरतलब है कि वर्ष 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी| जिसमें उन्होंने कहा था ‘सब चोर मोदी ही क्यों होते हैं’| राहुल गांधी के टिप्पणी के खिलाफ सूरत से भाजपा के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत की कोर्ट में मानहानि का दावा किया था| सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 23 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार देते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी| कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया| जिसके बाद राहुल गांधी ने सूरत की सत्र अदालत में अपील की| लेकिन 20 अप्रैल को सूरत की सत्र अदालत ने भी राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी|