अहमदाबाद | ‘मोदी सरनेम’ मामले में सूरत की कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है| सूरत की कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए सजा पर रोक लगाने की मांग की है| गुजरात हाईकोर्ट ने शनिवार को इस मामले पर सुनवाई की| राहुल गांधी की पैरवी करते हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह गंभीर अपराध नहीं है, जिसकी सजा माफ नहीं की जा सके| देश में 13 करोड़ मोदी हैं और इस मामले में किसी ने शिकायत नहीं की| केवल राजनीतिक द्वेष के चलते राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत की गई है| सिंघवी ने हाईकोर्ट के समक्ष कई मामलों का उल्लेख किया और कहा कि अनेक ऐसे गंभीर मामलों में सजा भी माफ की गई है| कई सांसदों और विधायकों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं| अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल गांधी को पहली बार भेजे गए समन को लेकर भी कोर्ट पर सवाल उठाए| उन्होंने कहा कि केवल वॉट्सएप क्लिप के आधार पर कोई समन कैसे भेज सकते हैं? वॉट्सएप में हजारों प्रकार के मैसेज आते हैं| उन्होंने कहा कि न्यायधीश के समक्ष कोई न्यूज पेपर की कटिंग या पेन ड्राइव भी पेश नहीं की गई, इसके बावजूद समन जारी कर दिया गया| सिंघवी ने पूर्णेश मोदी के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीरव मोदी, ललित मोदी या विजय माल्या कोई भी मोढवणिक जाति का नहीं है| ऐसे में शिकायतकर्ता की भावना कैसे आहत हुई| सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से 2 मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ मामले में हाईकोर्ट से सजा पर रोक लगाने की मांग की है। मामले पर अगली सुनवाई 2 मई को होगी। 2 मई को दोनों पक्ष अपनी दलीलें रखेंगे। बता दें कि ‘मोदी सरनेम’ मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद कांग्रेस नेता की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य करार दिए जाने के बाद सरकारी बंगला भी खाली करा लिया गया। राहुल गांधी की ओर से बुधवार को गुजरात हाईकोर्ट में सूरत कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।