सूरत। दिवाली वेकेशन में जो कारीगर अपने वतन गए थे, हुए नवंबर माह पूरा होने के बाद भी नहीं लौटे, दूसरी तरफ वीविंग यूनिटों में कुशल कारीगरों की कमी होने से प्रोडक्शन में कमी दर्ज की जा रही है। जबकि दिवाली से पहले आर्डर तथा मुहूर्त के ऑर्डर भी हाल में धीमी गति से चल रहा है। सूरत शहर की वीविंग यूनिटों में करीब 45% कारीगरों की कमी महसूस की जा रही है।
सूरत शहर में चलने वाली वीविंग यूनिटों की स्थिति कारीगरों की कमी के कारण दयनीय हो गई है। दिवाली की छुट्टी में अधिकांश कारीगर परिवार के साथ अपने वतन से नवंबर महीना के अंत तक भी नहीं लौटे। जिसके कारण प्रोडक्शन में कमी दर्ज की जा रही है। सूरत शहर वीवर अग्रणी मयूर गोलवाला ने बताया की वीविंग यूनिटों में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उड़ीसा के अधिकांश कारीगर देखे जाते हैं। करीब 45% कुशल कारीगरों को कर्मभूमि में नहीं होने के कारण वीविंग यूनिटें समय पद तरीके से नहीं चल रही हैं। कारीगरों की अनुपस्थिति के बीच प्रोडक्शन में भी काफी कमी दर्ज की जा रही है। हाल में काम चलाओ कारीगर तो है परंतु उतना प्रोडक्शन देने में हुए काबिल नहीं है। जिससे यह समस्या सर दर्द के समान है। वीविंग यूनिट के मालिक मयूर चेवली ने बताया कि देव दिवाली के बाद लग्नसरा का सीजन चल रहा है। जिसके कारण वतन गए कामगार संभवतः इस सप्ताह के अंत में ही वीविंग यूनिटें पूर्व की भांति चलेगी, ऐसा माहौल दिखाई दे रहा है।