सूरत को तीर्थभूमि बना गतिमान हुए ज्योतिचरण
चार माह में हुए विविध आध्यात्मिक नवोन्मेष
तपस्या के क्षेत्र में बने कीर्तिमान, ऐतिहासिक बना चातुर्मास
ओलपाड, सूरत सिल्क सिटी, डायमंड सिटी, ग्रीन सिटी, क्लीन सिटी जैसे नामों से पहचाना जाने वाला सूरत पिछले कुछ अरसे से स्प्रिचुअल सिटी के रूप में भी ख्याति पा रहा है। देश के प्रमुख व्यापारिक केंद्र होने के साथ साथ यहां के लोगों में अध्यात्म के प्रति जो रुझान है वह इसे अपने आप में एक अनोखा शहर बनाता है। इसी अनोखे शहर की रौनक पिछले कुछ माह से अध्यात्म की आभा से रंगी नजर आ रही है। और इसका प्रमुख प्रसंग है युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का सूरत चातुर्मास। यूं तो सूरत शहर में सदा से साधु–साध्वियों का सान्निध्य मिलता रहता है, किन्तु इस बार जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी के ससंघ ऐतिहासिक चातुर्मास ने धर्म के क्षेत्र में नव कीर्तिमान स्थापित किए है। आचार्य श्री महाश्रमण जी का सूरत शहर का प्रथम चातुर्मासिक प्रवास अपने नवोन्मेषी गतिविधियों से यहां के श्रद्धालुओं के लिए चिरस्मरणीय बन गया है।
आचार्यश्री ने सूरत शहर के अंतिम छोर जहांगीरपुरा से विहार कर आज राजकोट, भुज, सौराष्ट्र आदि क्षेत्रों के लिए प्रस्थान कर दिया है। इसके तहत अब इन क्षेत्रों में आचार्यश्री सद्भावना, नैतिकता एवं नशामुक्ति का अभियान चलाएंगे।
संयम विहार से देश–विदेशों में गूंजा अध्यात्म का संदेश
वेसु के भगवान महावीर यूनिवर्सिटी के संयम विहार चातुर्मास स्थल में चार माह में जहां विविध कार्यक्रम, धार्मिक गतिविधियों का क्रम रहा वही शहर के उपनगरों में विचरण कर आचार्यश्री ने जन मानस में नैतिक मूल्यों के उन्नयन का संदेश दिया। आचार्य श्री महाश्रमण के साथ लगभग 170 साधु–साध्वियों के विशाल समुदाय ने श्रावक–श्राविकाओं को नित्य नवीन तत्व, धर्म सिद्धांतों से अवगत किया और नशामुक्ति, ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता जैसे अनेकानक जनोपकार के महनीय उपक्रम किए। युवा वर्ग एवं किशोरों–युवतियों के लिए उन्मेश कार्यशालाओं जैसे विविध सेमिनार हुए।
राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक हस्तियों का लगा रहा तांता
शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी से मार्ग दर्शन प्राप्त करने हेतु इस प्रवास में निरंतर हर वर्ग समुदाय के विशिष्ट जनों का भी तांता लगा रहा। गुजरात के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्य मंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, गृहमंत्री हर्ष संघवी जैसे कई राजनेताओं ने मार्ग दर्शन प्राप्त किया तो वहीं आरएसएस सरसंघचालक श्री मोहन भागवत, आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर, स्वामीनारायण के गुरु हरि प्रेमस्वरूप जी, बाप्स के नारायणदास जी सहित कई जैनाचार्यों, धर्म गुरुओं से चर्चा परिचर्चा का भी क्रम रहा।
पहली बार सूरत में टेक्नोलॉजी और अध्यात्म का संगम
महाश्रमण दर्शन एवं ज्ञानकुंज जैसे अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त दोनों म्यूजियम ने आगंतुकों को मॉडर्न विधा द्वारा अध्यात्म एवं जीवन व्यवहार की सीख दी एवं जैन दर्शन, इतिहास से अवगत किया। आंकड़ों के अनुसार एक लाख से अधिक दर्शकों द्वारा इनका अवलोकन किया गया।
तपस्या में टूटे रिकॉर्ड, तीन दीक्षा समारोह भी हुए संपन्न
तप के संदर्भ में आचार्यश्री के इस चातुर्मास में कई कीर्तिमान बने। चाहे वह 2500 से अधिक सामूहिक अठाई तप हो या 109 मासखमण तप। 1580 सामूहिक आयम्बिल, सामूहिक 1500 तेले जैसे कई कीर्तिमान प्रथम बार सूरत में स्थापित हुए। संवत्सरी महापर्व पर 6255 से अधिक पौषध भी गुरुदेव की सन्निधि में हुए। तीन जैन दीक्षा समारोह में 11 व्यक्तियों को आचार्य श्री ने संयम जीवन प्रदान कर सूरत की धरा कर नव इतिहास रचा।
समिति के कुशल प्रबंधन से हर कार्य हुआ सवाया
आचार्य महाश्रमण चातुर्मास प्रवास समिति की विशाल टीम ने अध्यक्ष संजय सुराणा, महामंत्री नानालाल राठौड़ के नेतृत्व में 52 विभागों के 400 से अधिक पदाधिकारियों व सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हर कार्यक्रम एवं गतिविधि को सुचारू रूप से संचालित किया एवं देश विदेश से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को सेवानुकूल व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई