चेन्नई।पर्युषण पर्व के पांचवें दिन आयोजित धर्मसभा में, मुनिश्री हिमांशु कुमार जी ने अणुव्रत चेतना दिवस के उपलक्ष में कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ संयोगों का अद्वितीय प्रमाण है। इस जीवन में व्यक्ति को धर्म, आर्यत्व, और स्वस्थ इंद्रियों से युक्त शरीर प्राप्त होता है, जो अद्भुत उपलब्धियाँ हैं। यदि इन दुर्लभ संयोगों का सदुपयोग नहीं किया जाए,तो व्यक्ति स्वयं ही अपने जीवन का नुकसान कर लेता है।उन्होंने आगे बताया कि आत्मा प्रमादपूर्ण और मोहग्रस्त होती है परंतु ज्ञान के माध्यम से आत्मा को जागृत करके हमें इसे संयम और उत्साह के साथ उन्नति की ओर ले जाना है। मूर्छायानी अज्ञान और मोह को मिटाकर के आत्मा को शुद्ध करना आवश्यक है। अणुव्रत चेतना दिवस के अवसर पर संयम की महत्ता बताते हुए हिमांशु कुमार जी ने समझाया कि जैसे गाड़ी में ब्रेक, घर में ताले, और खेतों में बाढ़ आवश्यक होती है, वैसे ही जीवन में व्रतों का पालन जरूरी है। व्रत आत्मा को पापों से बचाने का अमोघ साधन हैं और भगवान महावीर द्वारा दिया गया एक अद्भुत उपहार हैं। उन्होंने कहा कि व्रत आत्मा की शांति और उन्नति के लिए आवश्यक हैं।
भगवान महावीर की जीवन यात्रा पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि प्रभू की आत्मा ने क्रोध, प्रतिशोध, और कामनाओं से अनेक बार दुर्गति प्राप्त की,परंतु आत्म- संयम के मार्ग पर चलकर भगवान महावीर ने अपने जीवन को शुद्ध किया और उत्थान की ओर अग्रसर हुए। उनकी यह यात्रा प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद है, जो हमें भी आत्मिक उन्नति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
इस से पूर्व मुनि हेमंत कुमार जी ने पर्युषण पर्व के महत्व को बताया, जो आत्मा की उपासना और आत्मा पर विजय प्राप्त करने का पर्व है। उन्होंने कहा कि दूसरों को जीतने वाला विजेता और स्वयं को जीतने वाला परम विजेता कहलाता है। व्रत, ज्ञान और त्याग के माध्यम से आत्मनिर्जरा का मार्ग प्रशस्त होता है। मुनि जी ने आज की जीवनशैली की चर्चा करते हुए कहा कि लोग गलत रास्ते पर जाकर फिर सही मार्ग पर लौटने की सोचते हैं, जबकि संयम और विवेक से जीवन को सफल बनाना चाहिए।
मुनिद्वय के सान्निध्य में अष्ट दिवसीय आवासीय पर्युषण साधना शिविर के अंतर्गत लगभग 80 साधक आत्म साधना का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं।
मुनिद्वय के सान्निध्य में अष्ट दिवसीय आवासीय पर्युषण साधना शिविर के अंतर्गत लगभग 80 साधक आत्म साधना का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं।विभिन्न सूचनाओं की उद्घोषणा मंत्री श्री गजेंद्र खाँटेड ने की।