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करें स्वयं की पहचान- मुनि श्री हिमांशु कुमार जी

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आज का मानव अपने सही रूप को भूल चुका है, वह जानता है तो अपने बनावटी एवं दिखावटी बाहरी रूप को और वह इसमें इतना डूब गया है  कि वह उसी को सच्चा मानने लग गया है, ऐसे में आज की परम आवश्यकता है कि हम अपने सही रूप को देखें ओर स्वाध्याय के माध्यम से खुद की पहचान करें, यह विचार मुनि श्री हिमांशु कुमार जी ने पर्यूषण पर्वाराधना में संलग्न श्रावक श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। स्वाध्याय दिवस के रूप में मनाए जा रहे पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन स्वाध्याय की व्याख्या करते हुए मुनि श्री ने कहा कि स्वाध्याय व्याख्या करते हुए कहा कि पढ़ना वाचन करना स्वाध्याय का पहला प्रकार है उसे हम चिंतन के साथ जोड़ें तभी हमे एक सुफल प्राप्त हो सकता है मुनिश्री  ने श्रमण भगवान महावीर प्रभु की अध्यात्म यात्रा का वर्णन करते हुए बताया प्रभु की आत्मा ने जन्म मरण की श्रृंखला में आगे बढ़ते-बढ़ते एक बार ऐसे आलोक को, सत्य के प्रकाश को, सम्यक्त्व के रूप में प्राप्त किया, और वह प्रकाश दर्शन उनके लिए टर्निंग पॉइंट सिद्ध हुआ। संत की संगत को उपयोगी बताते हुए प्रभु की आत्मा को जब संतों का दर्शन और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ तभी उन्हें सम्यक ज्ञान प्राप्त हुआ और वही सम्यक ज्ञान उनके आत्मोत्थान में निमित्त बना। महापर्व के पावन अवसर पर सभी आगंतुकों को मुनि ने सम्यक ज्ञान की आराधना करने का आह्वान किया।।
इससे पूर्व मुनि श्री हेमंत कुमार जी ने निर्धारित विषय पर अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यूषण विशोधी करने का पर्व है उसमें स्वाध्याय उपयुक्त माध्यम है। मुनिश्री ने बताया आज का मानव यह सिद्ध करने में लगा हुआ है कि "मैं क्या हूं?" जबकि आवश्यकता यह है कि हम स्वयं की पहचान करें और "मैं कौन हूं?" इस पर अपना ध्यान केंद्रित करें, यही स्वाध्याय का मूल संदेश है। मुनिश्री ने आधुनिक जीवन शैली में जुड़े टेलीविजन और टेलीकॉम को पर दर्शन के माध्यम बताते हुए कहा कि ये हमारे आत्मदर्शन और स्वाध्याय के मार्ग में बाधक है। उन्होंने बताया कि आज पर दर्शन, दूरदर्शन, प्रदर्शन में डूबे आज के समाज में व्यक्ति नादानी भरे अनुपयोगी दुष्ट प्रवृत्तियों में लगा है, जिसका कारण उसका अज्ञान है। व्यक्ति ज्ञान को प्राप्त करे, सत्य का ज्ञान करे, जिससे उसे स्वयं की पहचान हो सके।
 तेरापंथ जैन विद्यालय साहुकारपेट के   प्रांगण में बड़ी संख्या में उपस्थित साधकों को मुनिश्री ने प्रेरणा दी।।
सूचनाओं की जानकारी सभाध्यक्ष श्री अशोक खतंग और मंत्री श्री गजेंद्र खाँटेड ने दी।।

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