---सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस सहित अन्य कंपनियों से जवाब मांगा, स्टे के कारण स्थानीय टेक्सटाइल उद्योग को राहत
सूरत। विदेश से आयात होने वाले यार्न पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लागू करवाने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने से टेक्सटाइल उद्योग को बड़ी राहत साबित हो सकती है।
इस संदर्भ में फोगवा के प्रमुख अशोकभाई जीरावाला ने बताया कि दक्षिण कोरिया और थाईलैंड से आयात होने पर पार्टियों द्वारा यार्न पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लागू गई थी। इसे ड्यूटी को समय से पहले हटाने के लिए रिलायंस सहित अन्य कंपनियों द्वारा गुजरात हाई कोर्ट मैं रेड दाखिल की गई थी। इसके अनुसंधान में गुजरात हाई कोर्ट की तरफ से एंटी डंपिंग ड्यूटी हटाने के नोटिफिकेशन को रद्द करने का आदेश दिया गया था। गुजरात हाई कोर्ट के इस आदेश को केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अपील के बाद गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे दिया है। इस संदर्भ में कोर्ट ने रिलायंस सहित कंपनियों से भी जवाब मांगा है। मिली अन्य जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुजरात हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे देने से मुख्य रूप से विदेश से आयात होने वाले यार्न आसानी से भारत में मिल सकेगा। जिसका सीधा फायदा फाइबर यार्न उत्पादकों और और इसका उपयोग करने वालों को होगा। इसके कारण फैब्रिक और गारमेंट उद्योग को लाभ मिल सकता है।
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टेक्सटाइल उद्यमियों ने सरकार का आभार व्यक्त किया
सचिन इंडस्ट्रियल कोऑपरेटिव सोसाइटी के सेक्रेटरी मयूर गोलवाला ने बताया कि डोमेस्टिक इंडस्ट्री को रक्षण देने के लिए सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से स्टे लाया है। यह स्टे डोमेस्टिक उद्योगों के लिए अति लाभदायक है। यह उद्योग स्वीम शूट, स्पोर्ट वेयर तथा सीट कवर जैसी वस्तुएं उत्पादन करते हैं। अब इन सभी उद्योगों को पीटीए अंतर्राष्ट्रीय भाव से मिलते रहेंगे। जिससे टेक्सटाइल उद्योग का ग्रोथ बढ़ेगा और नया ऑक्सीजन मिलेगा। सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट मैं चुनौती दिया है। अभय काफी संख्या में उद्योगों को लाभ होगा और टेक्सटाइल उद्यमियों को भारी राहत और फायदा होने पर आभार व्यक्त किया है। सरकार के नेतृत्व में टेक्सटाइल उद्योग को लाभ के समाचार मिलने पर सचिन इंडस्ट्रियल कोऑपरेटिव सोसाइटी ने सरकार का आभार व्यक्त किया है।
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