----भारतीय संस्कृत में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व 21वीं सदी से आज तक अनसुलझा है। उत्तरायण के बाद बाजारों में पुणे तेजी दिखेगी: ज्योतिषाचार्य हिरेन पंड्या
सूरत। भारतीय संस्कृत के अनुसार कोई भी शुभ कार्य शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार कमूरता के दौरान शुभ और मांगलिक प्रसंग नहीं हो सकते। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 16 दिसंबर शुक्रवार से कमूरता प्रारंभ होने से 1 महीने तक शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा ऐसा नवसारी जिला वासंदा तालुका के ज्योतिषाचार्य हिरेन कुमार पंड्या ने बताया।
हिरेन पंड्या ने बताया कि 16 दिसंबर से सूर्य धन राशि में प्रवेश करेंगे और धनकारक कमूरता प्रारंभ होगा। इसलिए 1 महीने तक कोई शुभ काम नहीं होगा, यह खत्म होने के बाद शुभ काम शुरू होंगे। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले ग्रह नक्षत्र के वक्री उदय, अस्त की स्थिति, चौघड़िया देखने के बाद ही शुभ प्रसंग होते हैं। 16 दिसंबर शुक्रवार को 9.59 बजे सूर्य धन राशि में प्रवेश करने से धनकारक कमूरता प्रारंभ होगा। 14 जनवरी शुक्रवार उत्तरायण तक कामूरता रहेगा। जिससे विवाह, गृह प्रवेश, उद्घाटन आदि सहित शुभ एवं मांगलिक कार्य करना वर्जित माना गया है। 1 महीने तक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी मांगलिक और शुभ कार्य नहीं होंगे। हाथी 1 महीने के दौरान विवाह के अवसर पर बजने वाली शहनाई की आवाज सुनाई नहीं देगी।कमूरता शुरू होने से इस महीने के दौरान बाजारों में मंदी रहेगी। भारतीय संस्कृति में 21वीं सदी से आज दिन तक कुमूहर्त को लेकर रहस्य बना हुआ है।
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