भारत जैन महामंडल,लेडीज विंग कोलकाता औऱ भारतीय भाषा परिषद में
सूरत। भारतीय भाषा परिषद और भारत जैन महामंडल लेडिज विंग संयुक्त तत्वावधान में श्री डूंगरगढ़ स्थापना दिवस समारोह राजस्थानी लोकगीत में महिलाओं का योगदान विषय पर मनाया गया। आयोजन के विशेष अतिथि थे श्रीमती कुसुम खेमानी, विशम्बर नेवर,डा. वसुंधरा मिश्र और श्रीमती सुशीला पुगलिया। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ.कुसुम खेमानी ने दीप प्रज्वलित करके किया। सभी विशेष अतिथियों ने राजस्थानी लोकगीत मे महिलाओं के योगदान पर बोलते हुए श्री डूंगरगढ़ स्थापना दिवस पर सबको शुभकामनाएं दी। सभी बहनों ने गीतो,कविताओं ,स्पीच और यादों के माध्यम से गांव की धरती पर बेनजीर प्रस्तुति दी। जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी प्यारी होती है। एक दो महिलाएं प्रथम बार मंच पर बोलने की हिम्मत की। लहरियां साडीयो में सजी धजी महिलाओं के समुह ने सचमुच कोलकाता पर राजस्थान को उतार दिया था। श्री डूंगरगढ़ स्थापना दिवस १४१ वर्ष अद्भुत और अनुपम अंदाज में मनाया गया और महिलाओं ने प्रथम बार गांव का स्थापना दिवस समारोह मना कर इतिहास रच दिया। कोलकाता में विराजित आचार्य महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री स्वर्ण रेखाजी ठाणा जो कि श्री डूंगरगढ़ से है उन्होंने संदेश भेजकर कार्यक्रम में सोने पर सुहागा कहावत को चरितार्थ कर दिया।सभी हमारे विशेष अतिथि वक्ताओं सारगर्भित जानकारी महिलाओं के योगदान पर दी। साथ में सभी बहनों ने केसरिया चाय और लजीज हाई टी का लुत्फ उठाया। श्री डूंगरगढ़ बोलने वाली सभी बहनों को उपहार देकर सम्मानित किया गया। अंजू सेठिया,सरोज भंसाली की कड़ी मेहनत और सुशीला पुगलिया का सहयोग ने कार्यक्रम को जोरदार सफल बना गया। भारतीय भाषा परिषद के मंत्री डॉ.केयुर मजमूदार ने धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन श्रीमती अंजू सेठिया ने किया।