पालघर।(योगेश राठौड़)आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्या साध्वी श्री पीयूष प्रभा जी के सान्निध्य में पर्युषण पर्व का छट्ठा दिवस जप दिवस के रूप में तेरापंथ भवन में मनाया गया। मंगलाचरण कन्या मंडल पालघर द्वारा किया।
इस अवसर पर साध्वी श्री पीयूष प्रभाजी ने कहा जप शब्द दो लगु अक्षरों से बना है, जिसका अर्थ है जन्म जन्मांतर के पापों का छेदन करना। जप से चित्त निर्मल व पवित्र बनता है। जप से एकाग्रता का विकास होता है। जप साधना का सहज मार्ग है। जो श्रावक जप नहीं करता वह शून्य घर की तरह होता है। नवकार महामंत्र का जप करने से भवों भवों के बंधन टूट जाते हैं। जप का एकमात्र उद्देश्य कर्म निर्जरा होना चाहिए। जप दिवस पर सभी को तन्मयता पूर्वक विभिन्न जप का प्रयोग करना चाहिए।साध्वी श्री भावना श्रीजी ने जप दिवस पर कहा कि किसी वाक्य अथवा मंत्र का बार बार उच्चारण करना जप कहलाता है।
साध्वी श्री सुधाकुमारीजी ने जप गीत का संगान किया।
साध्वी श्री दीप्तियशा जी संचालन करते हुए कहा मंत्र शक्तियों को सिद्ध करने का साधन है जप।जप साधना का सरल पंथ है। पर्युषण पर्व में अखंड नवकार महामंत्र का जप चल रहा है। जिसमें सभी श्रावक समाज उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं।साध्वी श्री जी द्वारा भगवान महावीर जीवन दर्शन का वाचन एवम महावीर के 25 वे भव की चर्चा करते हुए जप की प्रेरणा दी।